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Circuit & Packet Switching Difference in Hindi !!

नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “Circuit Switching और Packet Switching” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “Circuit Switching और Packet Switching क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. ये दोनों ही अलग अलग प्रकार के switching methods होते हैं, जिनके प्रयोग से multiple communicating devices को दूसरे device से कनेक्ट किया जा पाता है. आज हम आपको इन्ही के विषय में बताने जा रहे हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

सर्किट स्विचिंग क्या है | What is Circuit Switching in Hindi !!

सर्किट स्विचिंग क्या है | What is Circuit Switching in Hindi !!

सर्किट स्विचिंग संदेश को भेजने से पहले एक फिजिकल पाथ बनाता सेन्डर और रिसीवर के मध्य, जिससे संदेश को सेन्डर से रिसीवर तक भेजा जाता है. जब ये पाथ बन जाता है, तो सेन्डर अपना संदेश इसी पाथ के माध्यम से रिसीवर तक पहुंचाता है. और जब रिसीवर तक संदेश चला जाता है तो उसके बाद सोर्स, नेटवर्क को ट्रांसमिशन के पूरा होने और जारी किए गए सभी स्विचों के विषय में सूचित करने का कार्य करता है. उसके बाद फिर लिंक और अन्य कनेक्टिंग डिवाइस के द्वारा दूसरा कनेक्शन सेट किया जाता है. सर्किट स्विचिंग हमेशा Physical Layer पर लागू किया जाता है. इसका सबसे अच्छा उदाहरण: टेलीफोन पर बातचीत है.

पैकेट स्विचिंग क्या है | What is Packet Switching in Hindi !!

पैकेट स्विचिंग क्या है | What is Packet Switching in Hindi !!

पैकेट स्विचिंग सदैव कनेक्शनलेस होते हैं, क्यूंकि इनमे ट्रांसमिशन शुरु करने के लिए किसी प्रकार का कोई physical connection नहीं बनाया जाता है. जब भी इसमें संदेश प्रसारित किये जाते हैं, तो उससे पहले इसे कुछ प्रबंधनीय भागों में विभाजित कर दिया जाता है, जिन्हे हम पैकेट के नाम से जानते हैं. इसमें सभी पैकेट एक एक कर के सोर्स से डेस्टिनेशन तक भेजे जाते हैं. इस स्विचिंग में प्रत्येक पैकेट अपने लिए अलग अलग मार्ग चुन कर डेस्टिनेशन तक जा सकता है. सभी पैकेट जो डेस्टिनेशन तक पहुंचते हैं वो सभी out of order होते हैं लेकिन उन्हें जब ऊपरी लेयर तक ले जाया जाता है तो इन्हे आर्डर में कर लिया जाता है. ये सदैव Network Layer में लागू होती है और ये Datagram Approach और Virtual Circuit Approach रखती है.

Difference Between Circuit Switching and Packet Switching in Hindi !!

# सर्किट स्विचिंग कनेक्शन ओरिएंटेड होती है और पैकेट स्विचिंग कनेक्शनलेस होती है.

# सर्किट स्विचिंग संदेश को भेजने से पहले एक फिजिकल पाथ बनाता सेन्डर और रिसीवर के मध्य, जिससे संदेश को सेन्डर से रिसीवर तक भेजा जाता है जबकि पैकेट स्विचिंग में ट्रांसमिशन शुरु करने के लिए किसी प्रकार का कोई फिजिकल पाथ नहीं होता है.

# सर्किट स्विचिंग हमेशा Physical Layer पर लागू किया जाता है और पैकेट स्विचिंग सदैव Network Layer में लागू होती है.

# सर्किट स्विचिंग को वौइस् कम्युनिकेशन के लिए बनाया गया है जबकि पैकेट स्विचिंग को डाटा कम्युनिकेशन के लिए बनाया गया है.

# सर्किट स्विचिंग फ्लेक्सिबल नहीं होता है क्यूंकि इसमें एक पाथ स्थापित होने के बाद उसे सेशन के समाप्ति तक बदला नहीं जा सकता जबकि पैकेट स्विचिंग इसके विपरीत फ्लेक्सिबल होता है.

सर्किट स्विचिंग में संदेश को एक ही पथ का प्रयोग करना होता है पुरे कम्युनिकेशन के दौरान जबकि पैकेट स्विचिंग में पैकेट अलग अलग और कोई भी मार्ग अपना सकते हैं.

# स्पेस डिवीजन स्विचिंग या टाइम-डिवीजन स्विचिंग का उपयोग सर्किट स्विचिंग को लागू करने के लिए होता है जबकि पैकेट स्विचिंग को डाटाग्राम एप्रोच और वर्चुअल सर्किट एप्रोच का उपयोग करके लागू किया जा सकता है।

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Ankita Shukla

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