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अस्थमा और ब्रोंकाइटिस में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों…. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि “अस्थमा और ब्रोंकाइटिस क्या होता है और इनमे क्या अंतर है”. जैसा की हम सबने काफी सुना है अस्थमा के बारे में. जिसमे साँस फूलने लगती है और साँस लेने में अचानक से दिक्क्त होने लगती है और साथ ही कई और भी परेशानियां उतपन्न हो जाती हैं लेकिन क्या आपको ब्रोंकाइटिस के बारे में पता है. दरसल ब्रोंकाइटिस भी अस्थमा की तरह ही होता है लेकिन इसके होने के कारण अस्थमा से भिन्न हैं. कभी कभी बहुत से लोग इनमे अंतर नहीं कर पाते हैं जिसके कारण उन्हें इन दोनों को समझने में दिक्क्त होती है इसलिए हमने सोचा कि क्यों न आपको इनसे जुडी जानकारी दी जाये. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

अस्थमा क्या है | What is Asthma in Hindi !!

अस्थमा उर्फ़ दमा एक प्रकार की बीमारी है जो श्वांसनली को प्रभावित करती है. श्वांसनली के जरिये फेफड़े से हवा अंदर व बाहर की जाती है लेकिन जब इन नलिकाओं की भीतरी दीवार में सूजन आ जाती है तब ये हवा अच्छे से अंदर बाहर नहीं की जा सकती है. यह सूजन नलिकाओं को बहुत संवेदनशील बना देती हैं जिसके बाद किसी भी बैचेन करने वाली चीज के स्पर्श से आते ही तीखी प्रतिक्रिया करती है, तो उनमें संकुचन होता है.

जब ऐसा होता है तो फेफड़ों तक हवा कम मात्रा में पहुंच पाती है जिसके कारण खांसी, नाक से आवाज आना, छाती का कड़ा होना, साँस लेने में तकलीफ होना आदि कई प्रकार के लक्षण उतपन्न होने लगते हैं. जब कभी अस्थमा का दौरा पड़ता है तब श्वास नलिकाएं बंद होने के संभावना होती है जिसके कारण शरीर में महत्वपूर्ण अंगों तक ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है जिसके कारण दिक्क़ते उतपन्न हो जाती है.

ब्रोंकाइटिस क्या है What is Bronchitis in Hindi !!

ब्रोंकाइटिस को श्‍वसनीशोथ भी कहा जाता है ये श्‍वसन सबंधी एक खतरनाक बीमारी है. इसमें जब ब्रोन्कियल ट्यूब्स या मुंह और नाक और फेफड़ों के बीच के हवा आने जाने वाले मार्ग में सूजन आ जाती है. ब्रोंकाइटिस में सबसे अधिक चांस ब्रोन्कियल ट्यूब्स की लाइनिंग में सूजन आने के होते हैं. जिन लोगों को ये बीमारी हो जाती है उन्हें फेफड़ों द्वारा ऑक्सीजन लेने में दिक्क्त होने लग जाती है और वायु मार्ग में बलगम बनने लग जाता है.

ब्रोंकाइटिस के प्रकार !!

ब्रोंकाइटिस दो प्रकार की होती है पहली तीव्र और दूसरी दीर्घकालीन। तीव्र ब्रोंकाइटिस कम समय के लिए होती है जो फ्लू या सर्दी-ज़ुकाम के होने के बाद होती है. इसमें सीने में अजीब से बैचेनी का होना, बलगम का बनना, बुखार और कभी कभी श्वांस लेने में दिक्क्त होना आदि होता है. ये दिन, हफ्ते में तक ही रहती है। लेकिन दीर्घकालीन ब्रोंकाइटिस कई महीनो, साल तक भी रह सकता है. इसमें बलगम वाली अनवरत खांसी कई महीनो तक रहती है और साँस लेने में भी दिक्क्त करती है.

अस्थमा और ब्रोंकाइटिस में क्या अंतर है | Difference between Asthma and Bronchitis in Hindi !!

# अस्थमा और ब्रोंकाइटिस दोनों समान लक्षण के होते हैं लेकिन दोनों के होने के कारण अलग अलग होते हैं.

# दोनों के केस में श्वांसनली में सूजन आ जाती है.

# जिनसे हवा का आयात और निर्यात दोनों ही सही रूप से नहीं हो पाता है.

# जिनके कारण दोनों केस में बलगम बनने लगता है, सीने में बैचेनी होने लगती है, स्वांस अच्छे से नहीं ली जा सकती है.

# कई प्रकार के विषाणु या वातावरण में फैले प्रदूषण जैसे तम्बाकू, सिगरेट का धुंआ और अन्य वायु प्रदूषण ब्रोंकाइटिस को पैदा करती है जबकि जीन के बदलाव और पर्यावरण में प्रदूषण और धूल आदि अस्थमा को पैदा करता है.

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Ankita Shukla

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