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पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या में क्या अंतर है | करिकुलम और सिलेबस में अंतर !!

हेलो दोस्तों… आज हम आपको पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या में क्या अंतर होते हैं उनके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं. क्यूंकि कई बार हमने देखा है की लोग पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या को एक ही समझ लेते हैं और जब कहीं इसे लेके बात हो रही होती है तो उन्हें ये पता ही नहीं चल पाता की आखिर दोनों में अंतर क्या क्या हैं जिनके कारण उन्हें काफी शर्मिंदगी उठानी पड़ जाती है. इसलिए दोस्तों आज हम आपको बताने जा रहे हैं की आखिर पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या में अंतर क्या क्या हो सकते हैं और उससे पहले हम आपको ये दोनों होते क्या हैं उनके बारे में बताएंगे.

पाठ्यक्रम क्या है | करिकुलम क्या है !!

विद्यार्थी को उनकी पूरी शिक्षा के दौरान मिला अनुभव और कैसे पूरी शिक्षा का एक नियम होता है इन्ही सभी बातों को पाठ्यक्रम कहते हैं. पाठ्यक्रम को अंग्रेजी में करिकुलम कहते हैं जो की लैटिन भाषा से लिया गया है. अगर आसान भाषा में कहा जाये तो पूरी शिक्षा प्रदान करने का नियम बनाया गया है उसे ही पाठ्यक्रम कहा जाता है.

पाठ्यचर्या क्या है | सिलेबस क्या है !!

किसी भी विद्यालय या विश्वविद्यालय में एक नियम के साथ प्रदान की जाने वाली शिक्षा और उसकी सामग्री को पाठ्यचर्या कहते हैं. ये निर्देशों के अनुसार ही काम करती है ये सामान्य सिलेबस पर आधारित होती है. जो आपको ये बताता है की किसी भी विशिष्ट ग्रेड या मानक को प्राप्त करने हेतु कौन कौन से विषय और उनकी कितनी जानकारी का होना अनिवार्य है.

पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या में अंतर | करिकुलम और सिलेबस में अंतर !!

# पाठ्यक्रम एक प्रकार का अनुभव है जो पूरी शिक्षा के दौरान विद्यार्थी को मिलता है. इसमें विद्यार्थी को पता चलता है कि किस आयु में उसे कितने अनुशासन के साथ अपनी शिक्षा लेनी है. वहीं पाठ्यचर्या में विद्यार्थी को बताया जाता है की उन्हें किस विषय की जानकारी किस कक्षा में प्राप्त होगी.

# पाठ्यक्रम का चयन शिक्षार्थी की वर्तमान आयु, उसकी अभिरुचि का स्तर और उसके वर्तमान और भविष्य को ध्यान में रख के किया जाता है और वहीं पाठ्यचर्या में विद्यार्थी के आयु और उसकी कक्षा के अनुसार उसके सिलेवस को निर्धारित कर के किया जाता है.

# किसी भी विद्यार्थी की रूचि और उसकी समझने की क्षमता के अनुसार पाठ्यक्रम का स्तर होना चाहिए. पाठ्यचर्या में किसी विद्यार्थी को उसकी समझने की क्षमता के अनुसार उसे शिक्षा का ज्ञान देना चाहिए.

# पाठ्यक्रम में प्रयोग और शोध पे ध्यान दिया जाता है जबकि पाठ्यचर्या में उन्हें किताबों द्वारा कैसे अच्छे से ज्ञान दिया जा सकता है इस्पे ध्यान दिया जाता है.

# पाठ्यक्रम में कुछ चीजों को बदलने में भी ध्यान देना चाहिए जैसे की किताबों को रटने की जगह कुछ खोज करने में ध्यान देना चाहिए और पाठ्यचर्या में उन किताबों में कुछ ऐसे एक्सरसाइज बनानी चाहिए जिसके लिए विद्यार्थी को स्वयं खोज करने की आवश्यकता हो.

# पाठ्यक्रम को अंग्रेजी में करिकुलम कहते हैं और पाठ्यचर्या को अंग्रेजी में सिलेबस कहते हैं.

# पाठ्यक्रम के अंदर पाठ्यचर्या आता है. पाठ्यचर्या पाठ्यक्रम का महत्वपूर्ण अंग माना जाता है.

# पाठ्यक्रम में शिक्षा केवल लिखित में ही नहीं दी जाती है बल्कि कुछ अनुशासन, उठने बैठने का ढंग, नैतिकता आदि भी सिखाई जाती है. जबकि पाठ्यचर्या में आपको किताबों का ज्ञान और कई विषयों की जानकारी दी जाती है.

# पाठ्यचर्या कुछ नियमों तक सीमित है जबकि पाठ्यक्रम की कोई सीमा नहीं है.

आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी कैसी लगी और आपके कितना काम आयी हमे बताना न भूले और यदि आपके मन में कोई प्रश्न, कोई सुझाव या कोई शिकायत हो तो हमे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं हम उसे सुलझाने की कोशिश करेंगे।

Ankita Shukla

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