पिता वह इंसान है, जिसकी ममता का कभी जिक्र भी नहीं किया जाता है. एक पिता ही होता है, जो अपने बेटे को महंगे जूते दिलाने के लिए खुद के सस्ते जूतों को घिस लेता है. उसको गर्मी न लगे इसलिए खुद कड़ी धूप में जलता है. वह पिता ही है जिसके कर्तव्य तो सब बताते हैं लेकिन उसके बलिदान को कभी कोई नहीं समझ पाटा. पिता उस नारियल की तरह होता है, जो बाहर से सख्त और अंदर से नरम होता है. ऐसे पिता के विषय में आज हम कुछ शायरिया लेके आये हैं. तो चलिए उनका आनंद लिया जाये.