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माइग्रेशन क्या है !!
स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी आदि में पढ़ते समय यदि किसी कारण से हमे दूसरे स्कूल, कॉलेज या यूनिवर्सिटी में स्थानांतरित होना पड़ता है तो उस प्रक्रिया में कुछ कागजी कार्यवाही होती है जो हर कॉलेज, स्कूल, यूनिवर्सिटी के अपने कायदे कानूनों में अनुसार होती है जिसे पूरा करके आपको दूसरी जगह पढ़ाई करने की अनुमति मिल जाती है इस प्रक्रिया को माइग्रेशन कहते हैं. ये सुविधा दिल्ली विश्वविद्यालय के रेगुलर कॉलेज व स्कूल ऑफ ओपन लर्निग आदि भी प्रदान करती है. इसके अपने कुछ प्रक्रिया होती है. जिसमे यदि कोई छात्र एक वर्ष अपना किसी एक कॉलेज में पूरा करता है और दूसरा वर्ष की और कॉलेज से पूरा करना चाहता है तो वो माइग्रेशन के जरिये ये चाहत अपनी पूरी कर सकता है. लेकिन इसके लिए उसके पहले साल के मार्क्स अच्छे होने चाहिए और साथ ही पहले वर्ष के सारे सब्जेक्ट क्लियर होने चाहिए.
पहला इंटर कॉलेज माइग्रेशन है !!
यदि इसकी बात की जाये तो दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में कोर्स से कोर्स के बीच होता है जिसके लिए हर कॉलेज के अपने कुछ नियम होते हैं जिनके अनुसार ही आपका स्थानांतरण किया जा सकता है जैसे की सीट खली होने चाहिए, विभाग प्रभारी की स्वीकृति अनिवार्य है और रिजल्ट भी अच्छा होना आवश्य्क है.
दूसरा इंटर यूनिवर्सिटी माइग्रेशन है !!
इसके अंतर्गत ज्यादातर वो छात्र जो ओपन लर्निंग से अपना स्नातक करते हैं वो दूसरे वर्ष अपना माइग्रेशन कराने के लिए सक्षम होते हैं. इसमें यदि छात्र के पहले वर्ष में सारे विषय उत्तीर्ण नहीं है तो उसे दूसरे वर्ष में अंतिम परीक्षा में उन सभी परीक्षा को उत्तीर्ण करना आवश्य्क है जहां से वो पहले वर्ष में स्नातक की शिक्षा ले रहे हैं. जिसमे इन्हे कमसेकम ४०% अंक होना अनिवार्य है.
दूसरा नियम यह है की यदि को छात्र किसी रेगुलर कॉलेज में दूसरे वर्ष अनुत्तीर्ण होता है और वहाँ दोबारा फीस जमा करा के एडमिशन ले चूका है तो वह भी एसओएल में उसी ईयर में उसी कोर्स में अपना माइग्रेशन कराने के लिए सक्षम माना जायेगा.
रेगुलर से स्नातक करने वाले छात्र यदि ऑनर्स कोर्स में दाखिला लेने पर कोई छात्र एसओएल में भी बीए प्रोग्राम में अपना कोर्स बदल कर आ सकता है। जिसमे उन्हें दूसरे वर्ष में सीधे सीधे दाखिला मिल जायेगा. लेकिन उन्हें पहले और दूसरे दोनों वर्ष की परीक्षा एक साथ उत्तीर्ण करना जरूरी होता है. इसका मतलब बीएससी ऑनर्स का छात्र बीए प्रोगाम या बीकॉम प्रोग्राम में आराम से आ सकता है. इसमें आखिरी तारीख ३१ अक्टूबर होती है और यही प्रक्रिया तीसरे वर्ष की भी है.
माइग्रेशन प्रमाणपत्र or माइग्रेशन सर्टिफिकेट क्या है !!
माइग्रेशन प्रमाणपत्र और सर्टिफिकेट दोनों एक ही पेपर को कहा जाता है जिसे छात्र को माइग्रेशन की अनुमति के रूप में दूसरे कॉलेज या यूनिवर्सिटी को दिखा के दाखिला लेना होता है. ये प्रमाणपत्र कोई भी छात्र को कॉलेज से नहीं बल्कि यूनिवर्सिटी से लेना होता है. लेकिन अभी कुछ दिन पहले पता चला है की अब ऑनलाइन फॉर्म फील कर के जल्द ही माइग्रेशन प्रमाणपत्र पाया जा सकेगा। और छात्रों को रोज रोज यूनिवर्सिटी के चक्कर नहीं काटने पड़ा करेंगे.