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विधानसभा और विधान परिषद में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों….आज हम आपको “विधान सभा और विधान परिषद् क्या है और इनमे क्या अंतर है?”. बताने जा रहे हैं. जैसा कि हम सब जानते हैं कि विधानसभा और विधान परिषद दोनों ही विधान मंडल का भाग हैं. लेकिन लोगों को ये जानने में थोड़ी दिक्क्त होती है कि आखिर दोनों के बीच कुछ भिन्नता हैं या दोनों एक ही हैं. तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि “विधान सभा और विधान परिषद दोनों अलग अलग हैं और इनमे कई अंतर हैं.” जिन्हे हम अभी पूर्ण रूप से बताएंगे। लेकिन उससे पहले हम आपको अपने पाठकों से जुडी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देना चाहेंगे.

दोस्तों हम अपने ब्लॉग में जितने भी जबाब लेके आते हैं वो कहीं न कहीं लोगों के मन में उठने वाले प्रश्नो के जबाब हैं. जो हमे तब पता चल पाते हैं जब हमारे पाठक हमे वेबसाइट के कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के इनके जबाब पूछते हैं. हम उन सवाल का जबाब अवश्य लेके आते हैं. लेकिन कभी कभी हमे थोड़ा विलम्ब हो जाता है लेकिन आप लोगों द्वारा पूछे गए सवाल के उत्तर हम आपको देने की पूरी कोशिश करते हैं. तो यदि आप लोगों के मन में कोई सवाल हो तो आप भी कमेंट बॉक्स के जरिये हमसे पूछ सकते हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

विधानसभा क्या है | What is Legislative Assembly in Hindi !!

विधान सभा जिसे अंग्रेजी में Legislative Assembly नाम से जाना जाता है. विधान सभा का नाम विधान सभा के अलावा भी कई नाम है जैसे कि: वैधानिक सभा या सोल हाउस या निचला सदन, आदि. भारत में 29 राज्य हैं और प्रत्येक राज्य में एक विधान मंडल होता है जिसमे दो या एक सदन होता है. जिन राज्यों में केवल एक सदन होता है उन्हें विधान सभा कहते हैं और जहां दो सदन होते हैं उसमे एक विधान सभा और दूसरा विधान परिषद होता है. और भारत में केवल 7 राज्य ऐसे हैं जिनमे विधान सभा और विधान परिषद दोनों हैं.

विधान सभा के सदस्यों का चुनाव अर्थात विधायकों का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होने की प्रक्रिया है. जिनका कार्यकाल 5 साल होता है या किसी कारण से ये कार्यकाल कम भी हो सकता है. और जब किसी प्रकार की आपातकालीन स्थिति होती है तो कार्यकाल 6 महीने तक बढ़ा दिया जाता है.

भारत के बनाये गए संविधान के अनुसार किसी भी राज्य के विधानसभा सदस्यों अर्थत विधायकों की संख्या 600 से अधिक और 60 से कम नहीं हो सकती है.

विधान परिषद क्या है | What is the Legislative council in Hindi !!

विधान परिषद भी राज्य विधान मंडल की एक सदन है जो प्रत्येक राज्य में नहीं है. किसी किसी राज्य में ही है. ये विधान सभा के कम ताकतवर होती है और इसके सदस्य अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं. विधान परिषद के कुछ सदस्य राज्यपाल द्वारा भी चुने जाते हैं. जैसे संसद में राजयसभा का रोल है उसी प्रकार विधान मंडल में विधान परिषद का रोल है.

भारत में केवल इन 7 राज्यों में विधान परिषद है:

  • उत्तर प्रदेश – 100
  • महाराष्ट्र – 78
  • बिहार – 75
  • कर्नाटक – 75
  • आंध्र प्रदेश – 58
  • तेलंगाना – 40
  • जम्मू-कश्मीर – 36

Difference between Vidhan Sabha and Vidhan Parishad in Hindi | विधानसभा और विधान परिषद में क्या अंतर है !!

# विधानसभा की शक्तियां विधान परिषद से अधिक होती हैं.

# धन विधेयक को विधान सभा ही आरम्भ करती है जिसे न तो विधान परिषद आरम्भ कर सकता है, न ख़ारिज कर सकता है और न उसमे कोई संसोधन कर सकता है लेकिन 14 दिनों के लिए इस्पे रोक लगा सकता है.

# वित्तीय विधेयक भी विधान सभा में ही प्रस्तुत होता है विधान परिषद में नहीं। लेकिन इसके लागू होने के बाद दोनों सदनों की शक्तियां बराबर हो जाती हैं.

# विधान सभा और विधान परिषद दोनों की साधारण विधेयक लागू कर सकते हैं.

# जो मंत्रियों की नियुक्ति की जाती है वो विधान सभा या विधान परिषद किसी भी सदन के हो सकते हैं.

# राज्यपाल द्वारा जारी किया गया अध्यादेश दोनों सदन मान्य या अमान्य कर सकते हैं.

# राज्य के संवैधानिक संस्थाएँ जैसे राज्य वित्त आयोग, राज्य लोक सेवा आयोग आदि की जारी रिपोर्ट पे दोनों विचार करने के लिए योग्य होते हैं.

# किसी विधेयक को धन विधेयक मान्य करनी की आजादी विधान सभा को होती है, विधान परिषद को नहीं.

# बजट को पारित करने में विधान सभा को अधिक अधिकार दिए गए हैं विधान परिषद से. विधान परिषद इन पर बहस कर सकती है लेकिन पारित नहीं.

# यदि कोई साधारण विधेयक होता है तो उसके लिए भी अंतिम शक्ति विधानसभा के पास होती है और विधान परिषद उसपे कुछ समय अर्थात पहली बार में तीन महीने और दूसरी बार में एक महीने तक रोक लगा सकती है.

# मंत्रिपरिषद विधानसभा के प्रति उत्तरदायी (collective responsible) होता है. विधानसभा चाहे तो अविश्वास प्रस्ताव के द्वारा मंत्रिपरिषद को हटाने में सक्षम भी होती है. परन्तु विधानपरिषद के पास ऐसी कोई शक्ति नहीं होती है.

# विधान सभा के सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं जबकि विधान परिषद के सदस्य इस चुनाव में भाग नहीं लेते.

# राज्यसभा के चुनाव में भी विधान सभा के सदस्य भाग लेते हैं और ये अधिकार विधान परिषद के सदस्यों को नहीं होता है.

# विधान परिषद् को विधान सभा जब चाहे खत्म कर सकती है जिसके लिए विधान सभा को विशेष बहुमत से संकल्प पारित करना होगा बस.

उम्मीद है दोस्तों कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी और आपके काफी काम भी आयी होगी. यदि फिर भी कोई गलती आपको हमारे ब्लॉग में दिखे या आपके मन में कोई अन्य सवाल या सुझाव हो तो वो भी आप हमसे पूछ सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे उस सवाल का जबाब आपको देने और आपके सुझाव को समझने और उसे पूरा करने की. धन्यवाद !!!

Ankita Shukla

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