नमस्कार दोस्तों….आज हम आपको “वेद और पुराण क्या होते हैं और दोनों में क्या भिन्नता हैं?” बताने का प्रयास करेंगे। जैसा कि हम जानते हैं कि वेद और पुराण दोनों ही अलग अलग प्रकार की महान पुस्तकें हैं जिनके द्वारा हमे कई प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है. लेकिन कुछ लोग ये तो जानते हैं कि ये दोनों पुस्तकें बहुत महत्वपूर्ण हैं लेकिन कुछ लोग इन्हे समान भी समझ लेते हैं. जिसके कारण उनके मन में कुछ गलत धारणा और विचार जन्म ले लेते हैं. इसलिए हमने काफी विचार कर के ये फैसला किया, कि अब हम आपको “वेद और पुराण में भेद” बताएंगे. लेकिन इसे शुरू करने से पहले हम आपको कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देना चाहते हैं जो कि हमारे पाठकों से जुडी है और हम चाहते हैं कि आपको उसके विषय में पता हो क्यूंकि आप भी अब हमारे पाठकों की श्रेणी में हैं.
दोस्तों हम अपने ब्लॉग में जितने भी जबाब लेके आते हैं वो कहीं न कहीं लोगों के मन में उठने वाले प्रश्नो के जबाब हैं. जो हमे तब पता चल पाते हैं जब हमारे पाठक हमे वेबसाइट के कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के इनके जबाब पूछते हैं. हम उन सवाल का जबाब अवश्य लेके आते हैं. लेकिन कभी कभी हमे थोड़ा विलम्ब हो जाता है लेकिन आप लोगों द्वारा पूछे गए सवाल के उत्तर हम आपको देने की पूरी कोशिश करते हैं. तो यदि आप लोगों के मन में कोई सवाल हो तो आप भी कमेंट बॉक्स के जरिये हमसे पूछ सकते हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.
सूची
वेद क्या है | What is the Vedas in Hindi !!
वेद हमारे प्राचीन भारत के पवित्र साहित्य के रूप में जाने जाते हैं जो हिन्दू समाज के प्राचीनतम और आधारभूत धर्मग्रन्थ हैं. भारतीय संस्कृति में वेद को सनातन वर्णाश्रम धर्म, मूल और सबसे प्राचीन ग्रन्थ का दर्जा दिया गया है. जिसमे ईश्वर का ज्ञान उपस्थित है. ये विश्व के वो प्राचीन और धार्मिक ग्रंथ हैं जिनके भीतर छुपे पवित्र मंत्र को आज भी बड़ी श्रद्धा के साथ उच्चारण किया और सुना जाता है.
हमारे हिन्दू धर्म में चार वेद हैं:
ऋग्वेद – ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद माना गया है जिसमे ज्ञान हेतु लगभग 10 हजार मंत्र उपस्थित हैं। इसमें देवताओं के गुणों का वर्णन और प्रकाश के लिए मन्त्र वर्णित है और सभी मंत्र कविता-छन्द रूप में होते हैं।
सामवेद – सामवेद में उपासना के लिए गाने के रूप में 1975 संगीतमय मंत्र उपस्थित होते हैं.
यजुर्वेद – यजुर्वेद में कार्य (क्रिया) व यज्ञ (समर्पण) की प्रक्रिया के लिये 3750 गद्यात्मक मन्त्र उपस्थित होते हैं।
अथर्ववेद – अथर्ववेद ये अंतिम वेद है, इसमें गुण, धर्म, आरोग्य, एवं यज्ञ के लिये 7260 कवितामयी मन्त्र उपस्थित होते हैं।
वेद शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा के विद् शब्द हुई है जिसका अर्थ होता है ‘ज्ञान के ग्रंथ’.
पुराण क्या है | What is the Puranas in Hindi !!
पुराण हिन्दुओं के धर्म को व्यक्त करते हुए आख्यान ग्रंथ होते हैं जिनमे सृष्टि, लय, प्राचीन ऋषियों, मुनियों और राजाओं का पूरा वृत्तात होता है. ये वैदिक काल के बहुत्का बाद के ग्रन्थ होते हैं जो स्मृति विभाग का हिस्सा माना जाता है. भारत में जिन ग्रंथो का महत्व सर्वाधिक माना जाता है उन्ही ग्रंथो में से पुराण भी भक्ति-ग्रंथों के रूप में अपनी महत्व को दर्शाता है. अभी तक अठारह पुराणों का वर्णन किया जा चुका है जिनमे अलग अलग देवी देवताओं को केंद्र मानते हुए पाप और पुण्य, धर्म और अधर्म, कर्म और अकर्म की गाथाओं को बताया गया है. इतना ही नहीं यहां तक कुछ पुराण ऐसी भी हैं जिनमे अभी तक श्रष्टि के आरम्भ से अंत का पूरा विवरण शामिल है.
पुराण शब्द का अर्थ “पुराना” होता है. जिसमे प्राचीन घटनाओ का वर्णन होता है. इन्हे क्षेत्रीय भाषाओँ में भी लिखा गया हैं. हिन्दू और जैन दोनों धर्मों में वाङ्मय में पुराण मिलते हैं.
Difference between Veda and Purana in Hindi | वेद और पुराण में क्या अंतर है !!
# वेद का अर्थ ज्ञान है जबकि पुराण का अर्थ इतिहास है.
# वेद को सृष्टि के आदि में ऋषियो के हृदय में ईश्वर द्वारा प्रकाशित किये गए ग्रंथ हैं जो ज्ञान को बढ़ाते हैं जबकि पुराण 800 से 2000 वर्ष पूर्व ही लिखे गए है। जिन्हे ऋषियों ने या अन्य किसी द्वारा लिखा गया है.
# वेद सभी प्रकार के ज्ञान को दर्शाता है जबकि पुराण काल्पनिक इतिहास है जिसमे महापुरुषों को अपने हिसाब से चित्रित कर के प्रस्तुत किया गया है.
# वेद में कोई राजा आदि का वर्णन नहीं होता है जबकि पुराण में कई राजाओं के विषय में वर्णन किया गया है.
# वेदों में वैज्ञानिक विषयों का संस्कृत में वर्णन हुआ है जैसे कि पृथ्वी गोल है जबकि पुराण में किसी को इन बातों का कोई ज्ञान प्राप्त नहीं है.
# वेद चार है जबकि पुराण बहुत सारे हैं.
# वेद भगवान द्वारा निर्मित है जबकि पुराण पुराणकारों द्वारा जिन्होंने अपने अनुसार सबकुछ लिखा है.
उम्मीद है दोस्तों कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी और आपके काफी काम भी आयी होगी. यदि फिर भी कोई गलती आपको हमारे ब्लॉग में दिखे या आपके मन में कोई अन्य सवाल या सुझाव हो तो वो भी आप हमसे पूछ सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे उस सवाल का जबाब आपको देने और आपके सुझाव को समझने और उसे पूरा करने की. धन्यवाद !!!