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(माता वैष्णो देवी मंदिर इतिहास, रास्ता, फोटो, कथा) Vaishno Devi Temple History in hindi

माता वैष्णो देवी की एक नहीं अनेकों नाम है। वैष्णो देवी को माता रानी, त्रिकुटा और वैष्णवी के नाम से भी हम लोग जानते हैं।

सूची

Vaishno Devi Temple History in hindi

हमारे हिंदू धर्म में वैष्णो देवी को महालक्ष्मी का रूप माना जाता है। जानते हैं। कि भारत में माया माता शब्द का उपयोग हम लोग जन्म देने वाली मां के लिए किया जाता है।  वैष्णो देवी के नाम से पहले भी मां शब्द का उपयोग किया जाता है। 

श्री वैष्णो देवी का मंदिर Vaishno Devi Temple 

 भारत में हिंदू धर्म का आस्था का रास्ता है यह मंदिर जम्मू और कश्मीर राज्य के त्रिकुटा पर्वत श्रृंखला के कतरा में स्थित है यहां पर काफी संख्या में भक्त अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए मां के पास आते हैं ।

आप सभी लोगों को बताना चाहूंगा कि वैष्णो देवी के मंदिर जाने के लिए    कतरा  से 13 किलोमीटर दूर जाना होता है जहां पर वैष्णो देवी मां का मंदिर है वहां पर भक्तों को जाने के लिए परिवहन की सुविधा भी है वहां पर भक्तों एयरप्लेन के माध्यम से भी जाते हैं ।

माता वैष्णो देवी मंदिर

वैष्णो माता मंदिर जाने के लिए किसका प्रयोग किया जाता है? How to reach Mata Vaishno Devi Temple 

मां के मंदिर जाने के लिए परिवहन की सुविधा उपलब्ध है, जिसमें इलेक्ट्रिक का गाड़ी की सुविधा मौजूद है। जिसमें 2 से 4 लोग आसानी से बैठकर जा सकते हैं । हमने आपको पहले भी बताया है, कतरा  से मां के मंदिर जाने के लिए  हेलीकॉप्टर की भी सुविधा उपलब्ध है। जहां पर हेलीकॉप्टर आपको उतारे का वहां से 9 किलोमीटर की दूरी पर माता रानी का मंदिर है।

वैष्णो देवी जाने पर भक्तों का  किस प्रकार का आस्था रहता है?

सबसे पहले तो हम यह जानते हैं।  आस्था जिसे हम लोग विश्वास कहते हैं। जहां पर आपके दिल में विश्वास हो जाता है। वहां पर आस्था अपने आप आ जाता है । श्री माता वैष्णो देवी जी जाने वाले भक्तों का यह कहना है, कि यह एक बहुत ही प्रसिद्ध तीर्थ यात्रा है जिसमें लाखों यात्री पैदल यात्रा करते हैं। और माता वैष्णो देवी को देखने के लिए दुनिया भर से विदेशों से भी भक्त आते हैं। भक्तों का यह आस्था है,कि यहां पर मांगी गई सारी मुरादें पूरी हो जाती है। और माता किसी को निराश नहीं करती है ।

माता वैष्णो देवी मंदिर

श्री माता वैष्णो देवी का मंदिर कहां स्थित है?

यह मंदिर त्रिकुटा की पहाड़ियों में एक गुफा बना है जहां पर यह मंदिर बना है लाखों लोग इस पवित्र गुफा को दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं इतना ही नहीं है यहां पर हर साल  करीबन 1 करोड से भी ज्यादा भक्त आते हैं जो माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए अपनी मंशा पूरी करने के लिए मां के दरबार में आते हैं बोलिए माता रानी की जय ।

मां वैष्णो देवी की अटूट विश्वास होने की वजह से ही यहां पर काफी संख्या में भक्त आते हैं बल्कि विदेशों से भी यहां पर लाखों लोग हर साल आते रहते हैं ।

माता वैष्णो देवी मंदिर किस तरह जाते हैं लोग?

माता की पवित्र गुफा को  जमीन से 5200 फीट ऊंची यात्रा की चढ़ाई करने के बाद यानी कतरा से तीनों किलो मीटर ऊंची चढ़ाई करने के बाद माता रानी की गुफा के दर्शन हो पाते हैं ।

यहां पर यह भी लोगों का कहना है कि तीर्थयात्री करते समय मां वैष्णो देवी का आशीर्वाद भक्तों के साथ हमेशा रहता है और इसीलिए यहां पर बूढ़े बुजुर्ग व्यक्ति भी माता रानी की दर्शन के लिए ऊंची से ऊंची चढ़ाई भी झड़ जाते हैं ।

माता वैष्णो देवी मंदिर

श्री माता वैष्णो देवी की प्रतिमा कहां स्थित है?

हम आपको बताना चाहेंगे कि श्री माता वैष्णो देवी कि कोई प्रतिमा वहां पर मौजूद नहीं है गुफा के अंदर 3 प्राकृतिक पत्थर के रूप में मौजूद है जिसे हम लोग काफी दूर से दर्शन करने के लिए आते हैं वही माता की प्रतिमा है  मुहूर्त है ।

1986 में श्री माता वैष्णो देवी बोर्ड की स्थापना

जब से इस बोर्ड की  स्थापना हुई तब से उस बोर्ड ने यात्रियों के लिए बहुत ही सुविधा प्रदान की जहां पर सारी जिम्मेदारियां उस बोर्ड की होती है और वहां पर आए हुए भक्तों की हिफाजत करना उन्हें सही सलामत उनकी मंजिल तक पहुंचाना इस बोर्ड का कार्य होता है ।

बोर्ड ने तब से लेकर के आज तक यात्रियों के लिए काफी सुविधाएं दी हैं जहां पर जगह-जगह रुकने के लिए आराम करने के लिए छोटे-छोटे कैंप बना दिए हैं जहां पर  भक्तों तक जाने पर वहां पर विश्राम करते हैं और फिर से पुणे अपनी मंजिल की तरफ चलने लगते हैं ।

माता वैष्णो देवी मंदिर

श्री माता वैष्णो देवी के बारे में मेरी क्या राय है

अगर आप भी मेरी राय जानना चाहते हो श्री माता वैष्णो देवी के बारे में तो बताना चाहूंगा कि यह एक ऐसा धार्मिक स्थल है जहां पर जाने के बाद आपकी मन को बहुत ही शांति मिलती है ।

और ऐसा लगता है कि मानव दुनिया की सारी खुशी मिल गई है और सब मोह माया खत्म हो गया है यहां पर ऐसा महसूस होता है कि यहीं पर रुक जाओ और उस मायानगरी में दोबारा ना जाऊं । ऐसा भी सुनने को आया है कि भक्त वहां पर माता रानी के दर्शन के लिए जाते हैं और उनके मुंह में वह वहीं पर रुक जाते हैं और इस भंवर की जाल से उभरकर माता रानी के मंदिर के सामने ही अपनी जीवन व्यतीत करने लगते हैं ।

मैं भी आप लोगों से कहना चाहूंगा कि आप भी एक बार जरूर माता रानी वैष्णो देवी के दर्शन करें जहां पर भक्तों का ही आते हैं अपनी मनोकामना लेकर के हम सभी जानते हैं कि सबके अंदर एक मन की इच्छा होती होगी जो कि आप किसी को कहने से पूरी नहीं होगी ।

 लेकिन उस आदिशक्ति वैष्णो देवी से अगर आप हाथ जोड़कर मन से आवाज लगाएंगे तो आपकी मनोकामना जरूर पूरी होगी मैं जितने भी भक्त इस आर्टिकल को पढ़ रहे हैं मैं आशा करता हूं कि आप भी एक बार वहां जरूर जाए वहां की अलौकिक दृश्य को महसूस करें ऐसा दृश्य आपको कहीं और देखने को नहीं मिलेगा ।

 

श्री माता वैष्णो देवी यात्रा के नियम जाने हिंदी में (Vaishno Devi Yatra Rules in Hindi)

इस महामारी में अगर आप वैष्णो देवी यात्रा करना चाहते हैं तो आपको कुछ नियमों का पालन करना होगा जिसमें

 

  • वैष्णो देवी यात्रा करने के लिए फिलहाल आपको कोरोना की रिपोर्ट को साथ लेकर जाना होगा जो कि 48 घंटे पहले जांच की गई हो चाहे तो आप वहां पर जाकर के भी अपना कोरोना  चेकअप सकते हैं ।

 

  • यात्री रजिस्ट्रेशन सेंटर से ऑनलाइन करा लेने के बाद अपनी यात्रा स्लिप जरूर साथ में रख ले ।

 

  • यात्रा पर आपको जाने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करना बहुत ही आवश्यक है और साथ में आपको मास्क भी लगा लेना है इस महामारी में आपको वैष्णो देवी जाने के लिए बहुत सारे  नियम को पालन करना होगा ।

 

  • माता रानी के भवन पहुंच जाने के बाद आप के जितने सारे समान होंगे जिसमें कैमरा मोबाइल पर बेल्ट जूता चप्पल आपको लॉकर में रखना होगा ।

श्री माता वैष्णो देवी जाने का सही समय कौन सा है ? (Best time to visit Mata Vaishno Devi Temple)

वैसे तो आप सभी जानते हैं कि  मां वैष्णो देवी का दरवाजा हमेशा खुला रहता है हर साल आप जा सकते हैं लेकिन इस महामारी में बहुत सारी बातों का भी ध्यान रखना होगा जो कि मैंने आपको पहले भी बता चुका है । लेकिन सही समय मार्च और अक्टूबर का होता है जिसमें आप जाकर के माता रानी के दर्शन कर सकते हैं वैसे नवरात्रि के दिन में भी यहां पर जाने पर बहुत ही भीड़ देखने को मिलेगी आपका मन है आप चाहे तो जुलाई महीने में भी यात्रा कर सकते हैं ।

श्री माता वैष्णो देवी की प्राचीन गुफा के बारे में जाने (Ancient Cave of Mata Vaishno Devi in Hindi)

आप सभी को बताना चाहूंगा कि जिस भक्तों को माता की प्राचीन गुफा से निकलकर माता का अगर दर्शन हो जाता है तो मानो सारी मुरादें पूरी हो जाती है । लेकिन ऐसा बहुत ही कम होता है क्योंकि माता वैष्णो देवी का दरबार हर साल बहुत संख्या में भक्त आते हैं जिसकी वजह से प्राचीन गुफा को बंद ही रखा जाता है अधिकतर जान ले आप दिसंबर के महीने में भक्तों की संख्या कम होती है तभी वहां पर प्राचीन गुफा की दर्शन हो पाती है और उसी समय प्राचीन गुफा को भक्तों के लिए खोला जाता है ।

बाबा भैरवनाथ मंदिर के बारे में जाने (Bhairavnath Temple in Hindi)

अगर आप नहीं जानते हो तो जान लो श्री माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के बाद आपको बाबा भैरव नाथ के दर्शन करना बहुत ही जरूरी होता है कहां जाता है कि तभी आपकी प्रसाद यानी माता के दरबार में आपकी हाजिरी लग जाता है जब आप बाबा भैरव नाथ के दर्शन कर लेते हैं । ।

ऐसा पुराणों में लिखा गया है कि जब श्री माता वैष्णो देवी ने भैरवनाथ  के सिर को धड़ से जब अलग किए थे तब भैरवनाथ ने माता की बहुत ही याचना किए उनसे क्षमा मांगे कि माता मुझे गलती हो गई मुझे माफ करो तब माता जी ने कहा था ।

 कि ठीक है भैरव मेरी पूजा कर लेने के बाद भक्त तुम्हारी भी पूजा करेंगे तभी से बाबा भैरव नाथ की मंदिर में भी सभी भक्तों जाते हैं । जब माता वैष्णो देवी के दर्शन हो जाते हैं तब भक्त भैरवनाथ मंदिर जाकर के दर्शन करते हैं ।

हमारी कथा यहीं पर समाप्त हुई मगर यह कथा का अंत नहीं है यह कथा का शुरुआत है अगर आप हमारे इसी तरह प्यार देते रहे तो मैं माता वैष्णो देवी के अद्भुत और अलौकिक कथा के बारे में भी बताऊंगा जिसे आपने अभी तक नहीं सुना है ।

बस एक बार और आपसे हाथ जोड़कर विनती करूंगा कि अगर आप भी श्री माता वैष्णो देवी के दर्शन नहीं किए हैं तो एक बार जरूर करें आपका दिन मंगलमय हो । ।

वैसे तो आप सभी जानते हैं कि  मां वैष्णो देवी का दरवाजा हमेशा खुला रहता है हर साल आप जा सकते हैं लेकिन इस महामारी में बहुत सारी बातों का भी ध्यान रखना होगा जो कि मैंने आपको पहले भी बता चुका है । लेकिन सही समय मार्च और अक्टूबर का होता है जिसमें आप जाकर के माता रानी के दर्शन कर सकते हैं वैसे नवरात्रि के दिन में भी यहां पर जाने पर बहुत ही भीड़ देखने को मिलेगी आपका मन है आप चाहे तो जुलाई महीने में भी यात्रा कर सकते हैं ।

श्री माता वैष्णो देवी की प्राचीन गुफा के बारे में जाने (Ancient Cave of Mata Vaishno Devi in Hindi)

आप सभी को बताना चाहूंगा कि जिस भक्तों को माता की प्राचीन गुफा से निकलकर माता का अगर दर्शन हो जाता है तो मानो सारी मुरादें पूरी हो जाती है । लेकिन ऐसा बहुत ही कम होता है क्योंकि माता वैष्णो देवी का दरबार हर साल बहुत संख्या में भक्त आते हैं जिसकी वजह से प्राचीन गुफा को बंद ही रखा जाता है अधिकतर जान ले आप दिसंबर के महीने में भक्तों की संख्या कम होती है तभी वहां पर प्राचीन गुफा की दर्शन हो पाती है और उसी समय प्राचीन गुफा को भक्तों के लिए खोला जाता है ।

बाबा भैरवनाथ मंदिर के बारे में जाने (Bhairavnath Temple in Hindi)

अगर आप नहीं जानते हो तो जान लो श्री माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के बाद आपको बाबा भैरव नाथ के दर्शन करना बहुत ही जरूरी होता है कहां जाता है कि तभी आपकी प्रसाद यानी माता के दरबार में आपकी हाजिरी लग जाता है जब आप बाबा भैरव नाथ के दर्शन कर लेते हैं । ।

ऐसा पुराणों में लिखा गया है कि जब श्री माता वैष्णो देवी ने भैरवनाथ  के सिर को धड़ से जब अलग किए थे तब भैरवनाथ ने माता की बहुत ही याचना किए उनसे क्षमा मांगे कि माता मुझे गलती हो गई मुझे माफ करो तब माता जी ने कहा था ।

 कि ठीक है भैरव मेरी पूजा कर लेने के बाद भक्त तुम्हारी भी पूजा करेंगे तभी से बाबा भैरव नाथ की मंदिर में भी सभी भक्तों जाते हैं । जब माता वैष्णो देवी के दर्शन हो जाते हैं तब भक्त भैरवनाथ मंदिर जाकर के दर्शन करते हैं ।

हमारी कथा यहीं पर समाप्त हुई मगर यह कथा का अंत नहीं है यह कथा का शुरुआत है अगर आप हमारे इसी तरह प्यार देते रहे तो मैं माता वैष्णो देवी के अद्भुत और अलौकिक कथा के बारे में भी बताऊंगा जिसे आपने अभी तक नहीं सुना है ।

बस एक बार और आपसे हाथ जोड़कर विनती करूंगा कि अगर आप भी श्री माता वैष्णो देवी के दर्शन नहीं किए हैं तो एक बार जरूर करें आपका दिन मंगलमय हो । ।

Ankita Shukla

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