गुणवाचक विशेषण की परिभाषा | Definition of Qualitative Adjective in Hindi !!
गुणवाचक विशेषण वह है, जो किसी शब्द के द्वारा किसी संज्ञा या सर्वनाम का गुण, दोष, आकार-प्रकार रंग रूप गंध आदि को व्यक्त करता हो, वह शब्द गुणवाचक विशेषण के रूप में जाना जाता है.
गुणवाचक विशेषण के कुछ रूपों के उदाहरण इस प्रकार हैं :-
1. गुणबोधक = जब सुंदर, बलवान, विद्वान्, भला, उचित, अच्छा, ईमानदार, सरल, विनम्र, बुद्धिमानी, सच्चा, दानी, न्यायी, सीधा, शान्त जैसे शब्दों का प्रयोग हो।
2. दोष बोधक = जब बुरा, लालची, दुष्ट, अनुचित, झूठा, क्रूर, कठोर, घमंडी, बेईमान, पापी आदि जैसे शब्दों का प्रयोग हो।
3. रंगबोधक = जब लाल, पीला, सफेद, नीला, हरा, काला, बैंगनी, सुनहरा, चमकीला, धुंधला, फीका आदि, शब्दों का प्रयोग हो।
4. अवस्थाबोधक = जब लम्बा, पतला, अस्वस्थ, दुबला, मोटा, भारी, पिघला, गाढ़ा, गीला, सूखा, घना, गरीब, उद्यमी, पालतू, रोगी, स्वस्थ, कमजोर, हल्का, बूढ़ा, अमीर आदि, शब्दों का प्रयोग हो।
5. स्वादबोधक = जब खट्टा, मीठा, नमकीन, कडवा, तीखा, सुगंधित आदि, शब्दों का प्रयोग हो।
6. आकारबोधक = जब गोल, चौकोर, सुडौल, समान, पीला, सुंदर, नुकीला, लम्बा, चौड़ा, सीधा, तिरछा, बड़ा, छोटा, चपटा, ऊँचा, मोटा, पतला, पोला आदि, शब्दों का प्रयोग होता है।
7. स्थानबोधक = इसका प्रयोग इन शब्दों के रूप में होता है जैसे: उजाड़, चौरस, भीतरी, बाहरी, उपरी, सतही, पुरबी, पछियाँ, दायाँ, बायाँ, स्थानीय, देशीय, क्षेत्रीय, असमी, पंजाबी, अमेरिकी, भारतीय, विदेशी, ग्रामीण, जापानी आदि।
8. कालबोधक = जब नया, पुराना, ताजा, भूत, वर्तमान, भविष्य, प्राचीन, अगला, पिछला, मौसमी, आगामी, टिकाऊ, नवीन , सायंकालीन, आधुनिक, वार्षिक, मासिक, अगला, पिछला, दोपहर, संध्या, सवेरा आदि, शब्दों का प्रयोग होता है।
9. दिशाबोधक = जब निचला, उपरी, उत्तरी, पूर्वी, दक्षिणी, पश्चिमी आदि, शब्दों का प्रयोग होता है।
10. स्पर्शबोधक = जिस समय मुलायम, सख्त, ठंडा, गर्म, कोमल, खुरदरा आदि, जैसे शब्दों का प्रयोग हो।
11. भावबोधक = जब अच्छा, बुरा, कायर, वीर, डरपोक आदि, शब्दों का प्रयोग होता है।