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पराशर झील का इतिहास !!

पराशर झील परिचय !!

दोस्तों नमस्कार, आज की आलेख में हम आपको पराशर नामक झील से रूबरू करवाएंगे | जो कि एक बहुत ही बेहतरीन झील है | पराशर झील भारत के राज्य हिमाचल प्रदेश की मंडी जिला मैं बनी हुई है। मनाली जाते समय मंडी रास्ते में ही पड़ता है । यहां पर सबसे खास बिंद्राबन में स्थित हिमाचल दर्शन है। बिंद्राबन में एक बहुत ही प्रसिद्ध फोटो गैलरी बनी हुई है जहां से हिमाचल प्रदेश की संपूर्ण इतिहास की रोचक जानकारी ले सकते हैं। यहां पर बनी प्रसिद्ध फोटो गैलरी का निर्माण बीरबल शर्मा नामक व्यक्ति ने करवाया था। बीरबल शर्मा यहां के बहुत ही जानकार टूरिस्ट गाइड थे | उनका हरदम ही प्रयास रहता था कि वह ज्यादा से ज्यादा जानकारी आने वाले पर्यटकों को दें । मंडी जिले में बहुत ज्यादा भीड़भाड़ रहती है अगर वहां पर कोई निजी साधन आए तो उसको दो से ज्यादा घंटे इस भीड़ में लग सकते हैं। पराशर झील की बात करें तो यह कान में 9100 फुट ऊंचाई पर स्थित है | यह स्थान इतना प्रचलित होते हुए भी प्रचलित नहीं है। कहने का मतलब यहां पर इतना दुर्गम क्षेत्र है इसके कारण गाड़ी साधनों को आने जाने में बहुत समस्या होती है| इसी वजह से पराशर झील के लिए कम ही पर्यटक जाते हैं | पर यह हमेशा नहीं होता कभी कभी यहां पर त्योहार का आयोजन किया जाता है अब बहुत भीड़ होती है।

पराशर झील पराशर मंदिर का दृश्य !!

अगर आप कभी भी पराशर झील जाए तो आप वहां के स्थानीय मंदिर जिसको पराशर मंडी के नाम से जाना जाता है वहां पर जरूर घूम कर आना । यहां की सबसे खास बात यह है कि यहां पर मंदिर में जाने वाली श्रद्धालु झील से हरी हरी तार नुमा अर्थात फर्नानुमा घास की पत्तियों को निकालते हैं और मंदिर के अंदर देवताओं को अर्पण करते हैं। पुरानी मान्यता के अनुसार कहते हैं कि जो भी यह काम करता है उसकी मन की इच्छा जरूर पूरी होती है। यह पत्तिया छोटी छोटी आकार की होती हैं जिन्हें जर्रे भी कहते हैं । मंदिर के पूजा घर में महरिशी पराशर की पिंडी तथा विष्णु शिव वह महिषासुर मार्दिनी की विशाल प्रतिमा स्थापित है । यहां पर बनी है विशाल प्रतिमाएं बहुत ही ज्यादा आकर्षण का प्रतीक है। एक और खास बात हम आपको बताते हैं कि यहां पर जो भी श्रद्धालु आते हैं वह आंख मूंदकर प्रार्थना करते हैं और मनोकामना मांगते हैं उसके बाद वहां पर कुछ चावल के दाने होते हैं अगर उन दिनों की संख्या विषम संख्या में हूं अर्थात 3, 5, 7, 9, 11 हो तो समझ लेना चाहिए कि मनोकामना पूरी हो जाएगी इसके विपरीत अगर चावल के दाने की संख्या सम संख्या में हो अर्थात 2, 4, 6, 8, 10 हो तो मनोकामना पूरी नहीं हुई। इसके अलावा यहां पर कुछ श्रद्धालु बकरे की बलि देते भी नजर आते हैं । यहां पर पुराने समय में का वंदना राजा हुआ करते थे उनके समय से एक परंपरा चली आ रही है । जिसके तहत है अगर यहां पर कुछ सालों तक बारिश ना हो तो बारिश लाने के लिए गणेश जी की पूजा की जाती है । पुरानी परंपरा के अनुसार पराशर ऋषि गणेश जी की साधना कर उनको बुलाते हैं | यहां पर एक गणेश जी की भटवाड़ी भी है जो कि यहां से तकरीबन 4 किलोमीटर दूर है।

पराशर झील का आकर्षण !!

पराशर झील यहां के सौंदर्य का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है। यहां पर एक प्राकृतिक सौंदर्य देखने को मिलता है | इसके साथ साथ झील के अंदर तैरता हुआ एक भूखंड का हिस्सा बहुत ही खूबसूरत लगता है। यहां के स्थानीय लोगों झील के अंदर तैर रहे इस भूखंड के हिस्से को टाहला कहते हैं । इसका एक और आश्चर्य देखने वाला यह है कि यह झील के अंदर तैरता रहता है। झील के बाहर के हिस्से में जहां पर मंदिर बना हुआ है पुरानी मान्यता के अनुसार वहां पर पराशर ऋषि में साधना की थी। यहां पर परंपरा से जुड़ी हुई निर्माण शैली का बेहतरीन इस्तेमाल किया गया है जिसके अंदर मंदिर की दीवारें पर शैली बनाने के साथ साथ लकड़ियों की कड़ियों के प्रयोग से पूरे प्रांगण की अनूठी और आकर्षक चमक ही बन गई है | यहां पर दीवारों पर देवी-देवता, सांप, पेड-पौधे, फूल, बेल-पत्ते, बर्तन व पशु-पक्षियों के चित्र कारीगरों की अनूठी पहल है । जो कहीं भी देखने को नहीं मिलती है ।

पराशर झील का इतिहास | Prashar Lake History in Hindi !!

पराशर झील पहुंचने का मार्ग दर्शन !!

दोस्तों अगर आप पराशर झील घूमने जाना चाहते हैं। तो आपको सबसे पहले मंडी जो कि हिमाचल प्रदेश में स्थित है । वहां जाना पड़ेगा| उसके बाद मंडी से जोगिंदर नगर की हाईवे सड़क पर तकरीबन 1.5 से 2 किलोमीटर दूर एक सड़क दाएं और मुडती है। यह सड़क आपको -कटौला व कांढी होकर बागी पहुंचा देगी । यहां से आपको थोड़ा पैदल चलना पड़ेगा यहां से झील तकरीबन 8 किलोमीटर दूर रह जाती है। वैसे यहां से आगे आप गाड़ी पर भी जा सकते हैं।

पराशर झील अन्य रास्ता !!

अगर आप इस रास्ते से नहीं जाना चाहते तो आपके लिए एक अन्य रास्ता और है । जिसने आपको सबसे पहले राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंडी से आगे सुंदर पनीले नामक स्थान पंडोह से नोरबदार होकर पहुंच सकते हैं।

हमें आशा है कि आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगी होगी| अगर आप इस आलेख में कोई गलती पाते हैं । तो मैं कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं ताकि आगे आने वाले आलेख में हम सुधार कर सके और आपको एक बेहतरीन जानकारी प्रस्तुत कर सकें ।

Ankita Shukla

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