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(Police & Judicial custody) पुलिस हिरासत और न्यायिक हिरासत में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों….आज हम आपको “Police custody and Judicial custody” अर्थात “पुलिस हिरासत और न्यायिक हिरासत” के विषय में बताने जा रहे हैं. दोनों ही हिरासत किसी संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लेके उनकी सीमा और मूवमेंट पे रोक लगाती है, जिससे वो और क्राइम न कर सके. लेकिन अधिकतर लोगों के मन में ये सवाल रहता है कि दोनों में आखिर अंतर होता क्या है?. दोस्तों दोनों ही हिरासत CRPC के तहत आती है, जिनका काम अपराधी को गुनाह करने से रोकना होता है. लेकिन दोनों के नियम और तरीके अलग अलग होते हैं, जिन्हे अभी हम आपको बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “पुलिस हिरासत और न्यायिक हिरासत क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

पुलिस हिरासत क्या है | What is police custody in Hindi !!

पुलिस हिरासत क्या है | What is Police Custody in Hindi !!

पुलिस हिरासत या Police custody, अपराध करने वाले व्यक्ति की पुलिस द्वारा तत्काल शारीरिक हिरासत होती है, जिसमे अपराध करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया जाता है पूरी प्रोसेस के चलते उसे पुलिस लॉकअप में रखा जाता है. हिरासत के 24 घंटे के भीतर उसे न्यायाधीश के सामने पेश किया जाता है. पुलिस हिरासत छोटी अवधि के लिए होती है, इसका अधिकतम समय 15 दिन का होता है, जिसे पुलिस बढ़वा के कभी कभी 30 दिन तक कर सकती है. इससे अधिक समय पुलिस हिरासत में नहीं दिया जाता है. और पुलिस के charge-sheet पेश करते ही अपराधी को पुलिस हिरासत में नहीं रखा जा सकता है. अपराधी को पुलिस हिरासत में रखने के बाद अपराधी से पूछताछ भी की जा सकती है. और पुलिस हिरासत के दौरान उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी पुलिस की होती है.

न्यायिक हिरासत क्या है | What is judicial custody in Hindi !!

न्यायिक हिरासत क्या है | What is Judicial Custody in Hindi !!

न्यायिक हिरासत या Judicial custody भी हिरासत का दूसरा रूप है, जो पुलिस हिरासत से कई पहलुओं में अलग होती है. न्यायिक हिरासत या Judicial custody, न्यायधीश या न्यायालय द्वारा दी जाती है. और इसमें अपराधी से किसी प्रकार की पूछताछ भी नहीं की जाती है. इसमें अपराधी को जेल में रखा जाता है और ये तब दी जा सकती है, जब न्यायधीश जमानत रद्द कर देते हैं. इस हिरासत के दौरान अपराधी की सुरक्षा न्यायाधीश के अंतर्गत आती है. इसमें अपराधी से किसी प्रकार की कोई पूछताछ या जबरदस्ती जानकारी निकलवाने की कोशिश नहीं की जाती है.

Difference between Police custody and Judicial custody in Hindi | पुलिस हिरासत और न्यायिक हिरासत में क्या अंतर है !!

# पुलिस हिरासत वो हिरासत है जिसमे अपराधी या संदिग्ध व्यक्ति को सबसे पहले शारीरिक रूप से हिरासत में ले लिया जाता है जबकि न्यायिक हिरासत में अपराधी को तब ही भेजा जा सकता है जब न्यायधीश का आदेश हो.

# दोनों का काम अपराधी को अपराध करने से रोकना और उसकी शक्तियों की सीमा पे रोक लगाना है.

# पुलिस हिरासत में अपराधी को पुलिस स्टेशन में रखा जाता है जबकि न्यायिक हिरासत में अपराधी को जेल में रखा जाता है.

# पुलिस हिरासत के 24 घंटे के भीतर अपराधी को न्यायधीश के सामने पेश करना होता है जबकि न्यायिक हिरासत न्यायधीश के सामने अपराधी को पेश करने के बाद ही हो सकती है, वो भी न्यायधीश चाहे तो.

# पुलिस हिरासत की अपराधी को हिरासत में रखने की सीमा 15 दिन है, जिसे बढ़ा के 30 दिन किया जा सकता है लेकिन न्यायिक हिरासत में 19 दिन अधिक समय नहीं दिया जा सकता.

# पुलिस हिरासत में अपराधी का ध्यान पुलिस की जिम्मेदारी है जबकि न्यायिक हिरासत में ये जिम्मेदारी न्यायधीश की हो जाती है.

# पुलिस हिरासत में अपराधी से पूछताछ की जा सकती है जबकि न्यायिक हिरासत में पूछताछ नहीं की जा सकती.

# पुलिस हिरासत में पुलिस अपराधी को तब तक ही रख सकता है जब तक चार्जशीट न दाखिल हो जाये.

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Ankita Shukla

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