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नगर पालिका और नगर निगम में क्या अंतर है | Difference between Nagar Palika and Nagar Nigam in Hindi !!
नमस्कार दोस्तों, आज की आलेख में हम आपको किसी एक क्षेत्र की पूरी जिम्मेदारी लेने वाले विभाग जिसे हम नगर पालिका और नगर निगम कहते हैं। पर यह नहीं कि यह दोनों एक ही है। इन दोनों में काफी अंतर पाया जाता है। अपने विभागों के अलग-अलग स्थान होने के कारण इन में बहुत से अंतर पाए जाते हैं। इन दोनों विभागों का काम भी अलग अलग होता है । आज के आलेख में हम आपको इन दोनों के अर्थ तथा इन में अंतर को विस्तार से बताएंगे।
नगर पालिका क्या है | What is Nagar Palika in Hindi !!
भारत के अंदर नगर पालिका एक ऐसा शहरी स्थानीय निकाय है जिसके अंदर 100000 वाली आबादी यहां से इससे ज्यादा आबादी वाले क्षेत्र की व्यवस्था रहती है। नगर पालिका इन आबादी में रह रहे लोगों से संबंधित तहसील के जैसे सभी कार्य या प्रशासन का कार्य करती है। इसमें एक बात की उलझन भी हो सकती है क्योंकि कुछ समय पहले कई नगर पालिकाओं में आबादी की सीमा 20,000 से ज्यादा को भी एक शहर के रूप में तब्दील किया गया था। और उस 20000 वाली आबादी पर एक नगरपालिका गठित की गई थी। पंचायती राज व्यवस्था के तहत जिन्हें पहले शहर के रूप में घोषित किया गया था उनकी आबादी चाहे एक लाख से कम हो या ज्यादा वह आएंगे तो नगरपालिका में ही। नगर पालिका का संबंध सीधे-सीधे राज्य सरकार से होता है कोई भी प्रशासनिक मामला आए यह सीधे ही राज्य सरकार से बातचीत कर सकता है। नगर पालिका को अनेक अधिकारों के साथ साथ कुछ कर्तव्यों का भी पालन करना पड़ता है । नगर पालिका संवैधानिक ( 74 वे संशोधन ) अधिनियम के अंतर्गत आता है | एक नीति कानून के अनुसार अनुच्छेद 243Q के अंदर साफ-साफ लिखा गया है कि हर राज्य के लिए ऐसी इकाई का निर्माण होना अनिवार्य होगा । नगर पालिका के अंदर तीन स्तरीय संरचना आती है –
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नगर निगम
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नगर परिषद
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नगर पंचायत
नगर पालिका के कार्य !!
नगर पालिका के कुछ अधिकारों के साथ साथ अपने क्षेत्र के अंदर कुछ कार्यों के लिए भी जिम्मेदारी रखता है । जो कार्य निम्नलिखित हैं-
# प्रशासनिक शहर के अंदर जल आपूर्ति की व्यवस्था करना
# नगर पालिका के तहत आ रहे क्षेत्र के अंदर अस्पतालों की देखरेख करना तथा उनकी समय समय पर जांच करना
# प्रशासनिक शहर में बनी सड़कों के निर्माण कार्य को देखना तथा उनकी जांच करना
# पूरे शहर के अंदर अग्निशामक दल की पूर्ण व्यवस्था रखना
# शहर के कूड़े करकट और जल निकास की पूर्ण व्यवस्था रखना
# शहर में हो रहे जन्म और मृत्यु के रिकॉर्ड के पंजीकरण की पूर्ण व्यवस्था
# शहर के अंदर उद्यान पार्क और खेल के मैदानों को बनाए रखना
# शहर के गरीब कस्बों तथा बस्तियों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करवाना।
नगर पालिका के आय के स्त्रोत !!
नगरपालिका को चलाने के लिए आय के स्त्रोत की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है क्योंकि यहां पर रह गए कर्मचारियों की तनख्वाह, शहर में जरूरतमंदों के लिए आवश्यक सामग्री के लिए पैसे की जरूरत, तथा अन्य सामुदायिक कार्यों के लिए पैसों की जरूरत हरदम रहती है इसीलिए नगर पालिका शहर के अंदर अपने आय के स्त्रोत हरदम रखती हैं जो कि निम्नलिखित हैं-
# शहर के अंदर घरों. मनोरंजन के साधन. बिजली. फिल्टर पानी. वाहन संपत्ति और भूमि सहित करो से होने वाली आय
# शहर के अंदर बनी सड़क पर टोल टैक्स से होने वाली आय
# रेन बसेरा, होटल, पर्यटन के अंदर, किराए पर कमरा, सत्ता नगर पालिका की संपत्ति किराए पर देकर, से होने वाली आय
# शहर के अंदर सभी नियोक्ताओं , सरकारी और निजी क्षेत्र में व्यावसायिक लोगों से कर संग्रह
नगर निगम क्या है | What is Municipal Corporations in Hindi !!
नगर निगम से आशय उनसे शहरी क्षेत्रो से है जहां पर आबादी 1000000 या उससे अधिक हो। भारत के अंदर जब शहरों में आबादी बढ़ने लगी तब शहरीकरण करने के लिए एक ऐसे निकाय की आवश्यकता थी जो राज्य सरकार से कुछ राशि वसूल कर या फिर अनुदान प्राप्त करके शहर के अंदर आवश्यक सामुदायिक सेवाएं के अंदर जैसे स्वास्थ्य देखभाल, शैक्षणिक संस्थानों का विकास, आवासीय परिवहन परिचालन, इत्यादि प्रधान करने के लिए कार्यरत हो सके । यह सब कुछ देखने के बाद नगर निगम की स्थापना की गई। नगर निगम नगर पालिका के ऊपर होता है कहने का मतलब एक नगर पालिका एक लाख से अधिक आबादी वाले क्षेत्र को प्रशासनिक करती है परंतु इसके बावजूद एक नगर निगम 10 लाख से ज्यादा या 1000000 तक आबादी वाले क्षेत्र को नियंत्रित कर सकता है। भारत के अंदर नगर निगम को लेकर कुछ प्रावधान बनाए गए हैं जिसके बारे में 74 वें संशोधन मे लिखा गया है।
नगर निगम के आय के स्रोत !!
# नगर पालिका के मुकाबले नगर निगम को उससे ज्यादा धन की व्यवस्था करनी पड़ती है। क्योंकि एक नगर निगम में आबादी नगर पालिका के मुकाबले 10 गुना ज्यादा होती है। नगर निगम के आय के स्त्रोत ठीक नगरपालिका के जैसे ही होते हैं परंतु इसमें कुछ बदलाव भी होता है। क्योंकि इश्क में इलाके बड़े आ जाते हैं इसीलिए कर थोड़ा ज्यादा लगाया जाता है तथा आबादी ज्यादा होने के कारण नगर पालिका के मुकाबले ज्यादा कर वसूल हो जाता है ।
# एक नगर निगम की आय का स्त्रोत शहरों के अंदर पानी की व्यवस्था से, बाजार में और वाहनों द्वारा कर वसूल करने से, अन्य कार्यों से नगर निगम की आय होती हैं ।
# एक नगर निगम की आय देश के अंदर वाहनों के चालान , तथा उन पर कर लगाकर होती है।
# एक नगर निगम की आय का स्त्रोत प्रदेश के अंदर आ रहे पुलिस स्टेशन से भी कुछ आए होती है
# प्रदेश के अंदर हो रहे तहसील के कार्यों से भी आय स्त्रोत
# प्रदेश में चलाए जाने वाले समय समय पर कार्यक्रम ने प्राप्त अनुदान राशि की आय
नगर निगम के कार्य !!
एक नगर निगम के अंदर आ रहे प्रदेश के प्रति अधिकारों और कर्तव्यों दोनों के प्रति दायित्व रहते हैं । जिनको नगर निगम द्वारा समय-समय पर सूचीबद्ध करके पूरा किया जाता है। नगर निगम द्वारा बनाई गई 12वीं सूची में सूचीबद्ध मामलों के संबंधित कार्य करने और विधिवत योजनाओं को लागू करवाने तथा करने संबंधित कार्यों को किया जाता है:
# नगर निगम द्वारा नगर नियोजन सहित शहरी नियोजन का कार्य
# नगर निगम द्वारा प्रदेश में आ रही भूमि उपयोग और भवन के निर्माण का विनियम कार्य
# नगर निगम द्वारा प्रदेश के अंदर आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए योजनाएं बनाना
# बनाई गई योजनाओं पर अमल कर उन्हें लागू करना
# नगर निगम द्वारा प्रदेश के घरेलू औद्योगिक और वाणिज्य प्रायोजनो के लिए जल की आपूर्ति करना ।
# क्षेत्र के अंदर सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वास्थ्य सर्वेक्षण की पूर्ण व्यवस्था बनाए रखना
# शहर के अंदर आपातकालीन की स्थिति में अग्निशामक सेवाओं की तत्परता
# गरीब बस्ती के बच्चों की शिक्षा
# शहर के अंदर गरीब लोगों की उन्मूलन की व्यवस्था इत्यादि