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लखनऊ घराना और जयपुर घराना में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “लखनऊ घराना और जयपुर घराना” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “लखनऊ घराना और जयपुर घराना क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. जैसा कि हम जानते हैं कि कथक बहुत प्राचीन नृत्य कला है. जिसके तीन अलग अलग रूप हैं, जिन्हे हम अलग अलग “घराना” के नाम से जानते हैं. जिसका नाम उन शहरों के नाम पर रखा गया है जहां कथक नृत्य परंपरा विकसित हुई है – जयपुर, बनारस और लखनऊ। जिसमे आज हम आपको “लखनऊ और जयपुर घराना” के बीच के अंतर को बताने जा रहे हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

लखनऊ घराना क्या है | What is Lucknow Gharana in Hindi !!

लखनऊ घराना क्या है | What is Lucknow Gharana in Hindi !!

सबसे पहले उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कथक की उत्पत्ति हुई, जिसे पंडित बिरजू महाराज और पंडित अर्जुन मिश्रा ने शुरू किया और उनकी ही अध्यक्षता में इसे आगे बढ़ाया गया. क्यूंकि इसकी उत्पत्ति लखनऊ से हुई थी, इसलिए इसका नाम लखनऊ घराना रखा गया. कथक उत्तर भारत में सबसे प्रसिद्ध नृत्य कला है, जिसकी शिक्षा के लिए कई प्रसिद्ध स्कूल हैं, जयपुर, लक्कड़ और बेरा में।

कथक में बनारस और लखनऊ घराने चेहरे के भाव और सुंदर हाथ आंदोलनों पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं। जो जयपुर घराने से विपरीत हैं.

जयपुर घराना क्या है | What is Jaipur Gharana in Hindi !!

जयपुर घराना क्या है | What is Jaipur Gharana in Hindi !!

जयपुर घराना, जयपुर की कथक नृत्य कला है. जिसकी उत्पत्ति कच्छवाहा की अदालतों में जयपुर के राजाओं की राजस्थानी भाषा में हुई. इसमें कथक को तकनीकी रूप से जटिल, काबिले तारीफ पैरों की मूवमेंट और कई स्पिंस के आधार पर बनाया गया था. ये भी कहीं न कहीं लखनऊ घराना से ही उठ के आयी थी. लेकिन एक बात पूर्ण रूप से साफ है कि जयपुर घराना में पैरों की मूवमेंट पर अधिक फोकस किया जाता है.

Difference between Lucknow Gharana and Jaipur Gharana in Hindi | लखनऊ घराना और जयपुर घराना में क्या अंतर है !!

# लखनऊ घराना की उत्पत्ति लखनऊ में हुई और जयपुर घराना की उत्पत्ति जयपुर में हुई.

# लखनऊ घराना की शुरुआत पंडित बिरजू महाराज और पंडित अर्जुन मिश्रा द्वारा हुई वहीं दूसरी ओर जयपुर घराना की शुरुआत कच्छवाहा की अदालतों में जयपुर के राजाओं की राजस्थानी भाषा में हुई.

# लखनऊ घराना में चेहरे के भाव और सुंदर हाथ आंदोलनों पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं जबकि जयपुर घराना में पैरों की मूवमेंट पर अधिक फोकस किया जाता है.

# लखनऊ घराना की उत्पत्ति जयपुर घराना से पहले हुई थी.

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Ankita Shukla

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