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KDM और Hallmark में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “KDM और hallmark” के विषय में बताने जा रहे हैं. दोस्तों अक्सर देखा गया है कि लोग सोना खरीदते समय दो चीजों पे अधिकतर ध्यान देते हैं, पहला KDM और दूसरा Hallmark. लेकिन कई लोग इनमे कंफ्यूज रहते हैं कि आखिर दोनों में अंतर क्या होता है. यदि आप भी दोनों को समझने में गलती करते हैं, तो आप इस ब्लॉग को पढ़ के अपनी दुविधाओं को दूर कर सकते हैं. क्यूंकि इस ब्लॉग में हम आपको बताने जा रहे हैं कि “KDM और हॉलमार्क क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

Difference between KDM and Hallmark Gold in Hindi | KDM और hallmark में क्या अंतर है !!

दोस्तों हम इस ब्लॉग में पहले आपको KDM के विषय में बताएंगे उसके बाद हॉलमार्क के विषय में. तो चलिए शुरू करते हैं:

Difference between KDM and Hallmark Gold in Hindi | KDM और hallmark में क्या अंतर है !!

KDM क्या है | What is KDM in Hindi !!

KDM को जानने से पहले आपको सोने बनाने की प्रक्रिया को जानना आवश्यक होता है. जब भी सोने से ज्वेल्लेरी बनाई जाती है तो उसमे सोने की झिलाई या टंकाई की जाती है, क्यूंकि सोना बहुत मुलायम होता है. टंकाई का अर्थ सोने में दूसरी धातु का मिश्रण करना है. जब सोने का गहना बनाया जाता है तो इसमें अन्य धातु को सोने की मेल्टिंग पॉइंट से कम ताप पे पिघला के इसमें मिश्रित किया जाता है. और दोनों को मिला के मिला के फिर गहना ,बनाया जाता है और अन्य धातु का कितना मिश्रण है गहने में उसी अनुसार सोने की परख की जाती है.

काफी समय से गहनों में सोने और ताबें का अनुपात क्रमशः 60% से 40% रखा जाता था. जिसमे सोने की शुद्धता मात्र ६०% होती थी. अर्थात यदि आपने 22 कैरेट की ज्वेलरी खरीदी है तो उसमे पाया जाने वाला सोना मात्र 20 कैरेट ही शुद्ध होता है. इन्ही परेशानियों को देखते हुए बाद में इसमें ताबें के स्थान पे कैडमियम मिलाया जाने लगा. जिसका मेल्टिंग पॉइंट कम होता था और फिर इसको तरल कर के सोने के साथ 8% मात्रा में मिला दिया जाता था. जिससे सोना अधिक शुद्ध रहता था. लेकिन ये स्वास्थ के लिए हानिकारण होने के कारण इसके स्थान पे जिंक का प्रयोग किया जाने लगा. लेकिन उससे भी एलेर्जी आदि की दिक्क्तों को देखते हुए उसपे भी प्रतिबंध लगाया जाने वाला है.

हॉलमार्क क्या है | What is Hallmark in Hindi !!

सोने पर होलमार्क भारतीय मानक ब्यूरो या बीआईएस का एक सर्टिफिकेट है। ये सर्टिफिकेशन इसलिए है कि सोना बेचने वाले ने जो क्वालिटी बताई है आपको क्या वो उसी क्वालिटी का सोना है. बीआईएस अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक इस बात की जांच के लिए उत्तरदायी है कि सोना राष्ट्रीय प्यूरिटी और फिटनेस मानकों पर खरा उतर रहा है या नहीं। इस बात की जाँच पुरे देश में बीआईएस के परख केन्द्रों द्वारा की जाती है. साफ तौर पे KDM और हॉलमार्क दोनों पिघलने वाले सोने और अन्य धातु के अनुपात और सोने की शुद्धता को परखने के लिए है.

होलमार्क वाले सोने पर कई जानकारियां गढ़ी होती है जैसे बीआईएस का लोगो, रिटेलर का लोगो, परख केंद्र का लोगो और सेर्टिफिकेट का वर्ष आदि। हॉलमार्क गोल्ड की 23 कैरेट, 22 कैरेट, 21 कैरेट और 18 कैरेट के रूप में पाया जाता है. इनकी शुद्धता धातु में मिली सोने की मात्रा को दर्शाती है. यदि सोना 24 कैरेट का है तो वो 100% शुद्ध माना जाता है. इसलिए जब भी सोना ले तो हॉलमार्क और KDM का ध्यान अवश्य रखे.

हमे आशा है की दोस्तों आपको हमारा आलेख पसंद आया होगा | अगर आप हमारे आलेख में कोई गलती पाते है तो हमे कमेंट करके जरुर बताये ताकि हम आपको आगे एक बेहतरीन जानकारी से अवगत करवा सके |

Ankita Shukla

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