नमस्कार दोस्तों….आज हम आपको “वृद्धि और विकास” के विषय में बताने जा रहे हैं. जैसा कि हम जानते है कि आज कल कई प्रकार की competitive एग्जाम में अधिकतर ऐसे सवाल पूछे जाते हैं जिसका उत्तर काफी घुमावदार होता है. उन्ही सवालों में से एक सवाल ये भी है कि “What is difference between Growth and Development !!” अर्थात “वृद्धि और विकास में क्या अंतर है?”. जिनमे कुछ लोग confuse होने लग जाते हैं. इसलिए आज हम आपको इनके बीच के अंतर बताने की कोशिश करेंगे. तो चलिए शुरू करते है आज का टॉपिक.
सूची
वृद्धि क्या है | What is Growth in Hindi !!
अधिकतर हम वृद्धि का प्रयोग शारीरिक बढ़ोत्तरी के लिए करते हैं. जैसे कोई बच्चा धीरे धीरे बढ़ता है और उसके शरीर के अंग भी उसी अनुसार बढ़ते है. यदि आसान भाषा में समझाया जाये तो वृद्धि का अर्थ बच्चे के शरीर के अंगों के विकास और उसके काम करने की क्षमता को दर्शाता है. और तो और वृद्धि बच्चे के स्वाभाव को भी प्रभावित करता ही है.
हरबर्ट सोरेन्सन के अनुसार शारीरिक वृद्धि का अर्थ शरीर का बड़ा और भारी होना है. जिसका अर्थ सीधा सीधा ये है कि शरीर के अंगों का आकार वृद्धि के समय बड़ा और भारी होने लगता हैं.
फ्रैंक ने वृद्धि को कुछ इस प्रकार परिभाषित किया कि शरीर के किसी विशेष पक्ष में होने वाले परिवर्तन को हम वृद्धि कह सकते हैं. इसमें शरीर की लम्बाई, चौड़ाई, भार और शरीर के अंगों में बढ़ोत्तरी का होना बताया गया है.
विकास क्या है | What is Development in Hindi !!
विकास का अर्थ किसी बच्चे के गर्भ में आने से लेके उसके प्रौढ़ावस्था तक के समय में होने वाले परिवर्तन को कहते है. विकास की प्रक्रिया गर्भावस्था से शुरू हो जाती है और फिर हर एक अलग अलग अवस्था से गुजरते हुए परिपक्वता तक चलती है. ये एक परिवर्तनशील प्रक्रिया है और ये व्यक्ति के साथ उसकी मृत्यु तक चलती है. इसमें केवल शारीरिक वृद्धि ही शामिल नहीं होती बल्कि इसमें हमारी सोचने समझने की क्षमता भी शामिल होती है.
विकास में मानसिक, सामाजिक, शारीरिक दृष्टि से होने वाले परिवर्तनो को शामिल किया गया है. ये व्यक्ति के गुणों में होने वाले परिवर्तन की जानकारी देता है. इससे व्यक्ति की कुशलता और व्यवहार में आने वाले परिवर्तन का पता चलता है. और विकास कभी भी रुकता नहीं है.
Difference between Growth and Development in Hindi | वृद्धि और विकास में क्या अंतर है !!
# वृद्धि एक शारीरिक परिवर्तन को दर्शाता है जबकि विकास एक निरान्तर प्रक्रिया को व्यक्त करता है.
# वृद्धि संकुचित होती है जबकि विकास वृद्धि की अपेक्षा काफी व्यापक होता है.
# वृद्धि विकास का ही एक भाग होता है.
# वृद्धि को मात्रक और परिणात्मक परिवर्तन द्वारा जाना जा सकता है जबकि विकास को समझने के लिए किसी के गुणात्मक परिवर्तन को समझना पड़ता है.
# वृद्धि एक समय तक का ही परिवर्तन दर्शाता है जबकि विकास लगातार चलने वाली प्रक्रिया है जो कभी नहीं रूकती.
उम्मीद है दोस्तों कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी और आपके काफी काम भी आयी होगी. यदि फिर भी कोई गलती आपको हमारे ब्लॉग में दिखे या आपके मन में कोई अन्य सवाल या सुझाव हो तो वो भी आप हमसे पूछ सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे उस सवाल का जबाब आपको देने और आपके सुझाव को समझने और उसे पूरा करने की. धन्यवाद !!!