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(fundamental & Human Rights) मौलिक अधिकार और मानवाधिकार में क्या अंतर है !!

Difference between fundamental Rights and Human Rights in Hindi | मौलिक अधिकार और मानवाधिकार में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “fundamental rights and human rights” अर्थात “मौलिक अधिकारों और मानवाधिकारों” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “मौलिक अधिकार और मानवाधिकार क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”.

सामान्य रूप से “अधिकार” का अर्थ किसी चीज के नैतिक या कानूनी अधिकार से है। अधिकारों का अर्थ कानून के अनुसार उन लोगों के लिए हैं, जिन्हे समाज द्वारा स्वीकार किया गया हो और वो कानून द्वारा समाज द्वारा स्वीकार हो. ये अधिकार दो अलग अलग श्रेणियों में आते हैं, या तो ये मौलिक अधिकार होंगे या मानवाधिकार। जो अधिकार देश की नागरिकता रखने वालों के जीवन के लिए मौलिक होते हैं उन्हें मौलिक अधिकार द्वारा परिभाषित किया जाता है.

और जो अधिकार सभी मनुष्यों की अपनी राष्ट्रीयता, नस्ल, जाति, लिंग, जेंडर आदि के बावजूद होते हैं, उन्हें मानवाधिकार कहा जाता है. ये तो छोटा सा अंतर था दोनों के बीच में. बाकी पूरी जानकारी के लिए नीचे तक ब्लॉग को पढ़ते रहिये। तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

मौलिक अधिकार क्या है | What is the Fundamental Right in Hindi !!

मौलिक अधिकार क्या है | What is the Fundamental Right in Hindi !!

दोस्तों जैसा कि हम नाम से ही अनुमान लगा सकते हैं, कि मौलिक अधिकार का अर्थ किसी भी देश के नागरिक के मूल अधिकार हैं. जिन्हे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुमोदित और समाज द्वारा मान्यता प्राप्त है। इन्हे संविधान द्वारा निहित किया गया है और कानून की अदालत में ये
प्रवर्तनीय हैं, कि यदि किसी भी व्यक्ति के किसी भी मूल अधिकार का उल्लंघन हुआ हो, तो वो अदालत जा कर उसके खिलाफ सहायता मांग सकता है. इस प्रकार के अधिकार मौलिक अधिकार कहलाते हैं.

इन अधिकारों को सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू किया जाता है, फिर चाहे उनकी जाति, धर्म, लिंग, नस्ल, मूल आदि कोई भी क्यों न हो. मौलिक अधिकार द्वारा ही नागरिक की स्वतंत्रता सुनिश्चित होती है, जिससे सभी नागरिक अपने अनुसार अपना जीवन जी सके.

  • स्वतंत्रता का अधिकार
  • समानता का अधिकार
  • धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
  • संवैधानिक उपचार का अधिकार
  • सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार
  • शोषण के खिलाफ अधिकार
  • एकान्तता का अधिकार

ये वो सारे अधिकार है जो मौलिक अधिकार के भीतर आते हैं.

मानवाधिकार क्या है | What is Human Rights in Hindi !!

मानवाधिकार क्या है | What is Human Rights in Hindi !!

मानवाधिकार वे यूनिवर्सल, पूर्ण और मौलिक नैतिक दावे हैं जिनका अर्थ मनुष्यों से संबंधित हैं, कि ये अधिकार अविच्छेद्य और वास्तविक जीवन के लिए बुनियादी होते हैं। इन्हे सभी मनुष्यों के लिए जरूरी बनाया गया है, फिर भले ही उनकी जाति, पंथ, राष्ट्रीयता, जन्म स्थान, नागरिकता और किसी भी अन्य स्थिति में वे एक दूसरे से अलग ही क्यों न हो. इस अधिकार के द्वारा सभी मानव को समान अधिकार मिलता है और कोई भेदभाव नहीं किया जाता है.

मानवाधिकार ही वो अधिकार है जिसके द्वारा लोगों को उनके मूल अधिकार मिल पाते हैं, जिसके कारण ही सभी में निष्पक्षता, समानता, स्वतंत्रता और सभी के लिए सम्मान मौजूद होता है। ये समाज की भलाई के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यह अन्याय, शोषण, भेदभाव और असमानता जैसी विभिन्न प्रथाओं को समाप्त करने में प्रमुख भूमिका निभाता है।

हम पूरी आशा करते हैं आपको हमारे द्वारा लिखे गए ब्लॉग से कुछ जानकारी और फायदा अवश्य मिला होगा और साथ ही आपको हमारा ब्लॉग पसंद भी आया होगा. यदि फिर भी आपको कोई गलती दिखाई दे, या कोई सवाल या सुझाव मन में हो. तो आप हमे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के बता सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे कि हम आपकी उम्मीदों पे खरा उतर पाएं। धन्यवाद !!!

Ankita Shukla

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