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वाष्पीकरण और वाष्पन में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों। … आज का हमारा लेख लिखा गया है “evaporation और vaporization” के ऊपर. जिसमे हम आपको बताएंगे कि “Evaporation और vaporization क्या है और इनमे अंतर क्या क्या होते हैं?”. जैसा कि हम सब जानते हैं कि पृथ्वी पे जो भी वस्तु पायी जाती है. वो चार अवस्था में ही पायी जाती हैं जैसे कि: ठोस, द्रव, गैस और प्लाज़्मा।

लेकिन आज हम दो अवस्थाओं से जुडी दो क्रियाओं के विषय में बात करने जा रहे हैं. जिसमे पहली द्रव और दूसरी गैस अवस्था है और क्रिया “evaporation और vaporization” हैं. जिसमे हम ये पता करेंगे कि कैसे कोई ठोस या द्रव गैस बनता है और कौन का मध्य रूप द्रव और गैस के बीच पाया जाता है. तो आज इन्ही दोनों की क्रियाओं के विषय में बात करने जा रहे हैं. लेकिन ये टॉपिक शुरू करने से पहले हम आपको कुछ महत्वपूर्ण जानकारी अपने पाठकों के विषय में देना चाहेंगे.

“दोस्तों हम जो भी जानकारी अपने वेबसाइट पे लेके आते हैं. वो कहीं न कहीं लोगों के मन में उठे सवालों के उत्तर होते हैं. जो हमे तब पता चलते हैं जब आप सब द्वारा हमे नीचे कमेंट बॉक्स में सवालों के कमेंट आये हुए होते हैं. जिनके जबाब हो सकता है थोड़ा विलम्ब से आपको मिले। लेकिन हम उनके जबाब आपको अवश्य देते हैं. इसलिए यदि आपके मन में और भी प्रश्न हो तो आप हमसे पूछ सकते हैं”. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.”

वाष्पीकरण क्या है | What is Vaporization in Hindi !!

वाष्पीकरण क्या है | What is Vaporization in Hindi !!

Vaporization (वाष्पीकरण) एक तत्व या यौगिक का एक संक्रमणकालीन चरण होता है जिसमे ठोस या द्रव को गैस में बदला जा सकता है. Vaporization में किसी ठोस या द्रव पदार्थ को एक अधिक तापमान में ऊष्मा देने पे वो गैस में बदलने लगता है और इस प्रक्रिया को Vaporization कहते हैं. हर पदार्थ को गैस में बदलने के लिए अलग अलग तापमान की आवश्यकता होती है. जब किसी द्रव या ठोस को दिया जाने वाला ताप कम या ज्यादा करते हैं तो वाष्पीकरण भी घटता और बढ़ता है.

वाष्पन क्या है | What is Evaporation in Hindi !!

वाष्पन क्या है | What is Evaporation in Hindi !!

जब द्रव को एक उचित मात्रा में ताप देके उसे गैस में परिवर्तित करना होता है जो द्रव और गैस के बीच एक और रूप होता है जिसे हम भाप अर्थात वाष्प कहते हैं और इस क्रिया को Evaporation (वाष्पन) कहते हैं. यदि वाष्प के तापमान को इसके क्रिटिकल तापमान से कम करते हैं तो वो गैस में बदल जाती है और यदि वाष्प पर दबाव बढ़ा दिया जाये और तापमान में परिवर्तन न किया जाये तो वाष्प को द्रव में बदला जा सकता है.

जब द्रव को ऊष्मा दी जाती है तो उसके कणो में गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है और फिर द्रव के कण द्रव को वाष्प की अवस्था में छोड़ के वातावरण में गति करने लगते हैं और यही प्रक्रिया वाष्पन कहलाती है.

Difference between Evaporation and Vaporization in Hindi  | वाष्पीकरण और वाष्पन में क्या अंतर है !!

# जब ठोस या द्रव को गैस में बदला जाता है तो वो क्रिया Vaporization अर्थात वाष्पीकरण होता है और जब द्रव को गैस में बदलते हैं और गैस में बदलने से पहले द्रव के अंतिम रूप को भाप कहते हैं और क्रिया को Evaporation कहते हैं.

# Vaporization गैस में परिवर्तित करने की क्रिया है और Evaporation गैस में बदलने से तुरंत पहले की क्रिया है.

# Vaporization उबलने के समय, भाप बनते समय और उच्च ताप होने पे हो सकती है जबकि evaporation सही मात्रा की ऊष्मा पाने, आर्द्रता और वायु के घुमाव के समय हो सकती है.

# Vaporization में गैस बनती है जिसमे अणुओं के बीच दूरियां बहुत अधिक होती है और evaporation में भाप बनती है जिसमे अणु दूर तो होते हैं लेकिन गैस की अपेक्षा पास में.

# जब द्रव को ऊष्मा दी जाती है तो उसके कणो में गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है और फिर द्रव के कण द्रव को वाष्प की अवस्था में छोड़ के वातावरण में गति करने लगते हैं और यही प्रक्रिया वाष्पन (evaporation) कहलाती है. जबकि जब द्रव पूर्णतः गैस में बदल जाता है तब वो वाष्पीकरण कहलाता है.

उम्मीद है दोस्तों आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी काफी पसंद आयी होगी. और यदि कोई त्रुटि आपको हमारे ब्लॉग में दिखाई दे या कोई मन में सुझाव या सवाल हो तो आप हमे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के बता सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे आप की उम्मीदों पे खरा उतरने की. धन्यवाद !!

Ankita Shukla

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