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अस्त्र और शस्त्र में क्या अंतर है !!

हेलो दोस्तों आज हम आपकी एक बड़ी दुविधा का निदान करने जा रहे हैं. जी हाँ आज हम अस्त्र और शस्त्र में क्या अंतर होता है उसके बारे में आपको बताएंगे. जैसा की हम सब जानते हैं की अस्त्र और शस्त्र दोनों युद्ध और लड़ाई के दौरान उपयोग में आने वाले उपकरण हैं लेकिन ज्यादातर लोग इन दोनों शब्दों में उलझ जाते हैं और उन्हें समान समझ लेते हैं और यदि उन्हें समान नहीं समझते तो उन्हें दोनों के अंतर नहीं पता होते हैं. इसलिए आज हम आपको इन दोनों में क्या अंतर है वो बताएंगे।

अस्त्र क्या है !!

अस्त्र वो यंत्र है जिसे पहले के समय में मंत्रो द्वारा आदेश दे के चलाया जाता था काफी दूरी तक जाके अपने दुश्मन का नाश करने में सक्षम था. ये अग्नि, गैस, विधुत और यांत्रिक तरीकों से चलाये जाते थे. कहा जाता है की ये दैवीय होते हैं. उदाहरण के हम कह सकते हैं की धनुष बाण में जो बाण हुआ करते थे उन्हें हम अश्त्र में शामिल कर सकते हैं. क्यूंकि वो मंत्रो द्वारा आदेश से चलाये जाते थे.

शस्त्र क्या है !!

शस्त्र की यदि बात की जाये तो ये वो उपकरण होते हैं जो युद्ध में हाथ में पकड़ के चलाये जाते थे. इनमे किसी प्रकार के मंत्रो को कोई महत्व नहीं होता है. ये अपने दुश्मन पे सीधे प्रहार करने के लिए प्रयोग किये जाते हैं. उदाहरण के लिए यदि बात करें तो इसमें तलवार, धनुष, गदा, परशु, त्रिशूल, बरछा, आदि आते हैं.

अस्त्र और शस्त्र में क्या अंतर है !!

# अस्त्र के अंदर चक्र, बाण आदि आते हैं जिन्हे एक ही जगह से खड़े खड़े चलाया जाता है और इसमें आपको मंत्र और आदेश देने होते हैं. जैसे की महाभारत और रामायण के समय अर्जुन और राम लक्षम ने धनुष बाण क्या प्रयोग किया था जिसमे वो कुछ मंत्र द्वारा अपने बाण किसी के भी ऊपर और किसी भी दिशा में मोड़ के उसका वध करने में सक्षम थे. और वहीं कृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र का प्रयोग कर कई लोगों का वध किया जिसमे उन्हें चक्र को आदेश देना होता था केवल और वो अपना कार्य खुद कर देता था.

# शस्त्र के अंदर कई प्रकार के लड़ाकू उपकरण आते हैं जिन्हे हाथ में लेके ही चलाना होता था. इसमें तलवार, गदा, परशु त्रिशूल, धनुष, वज्र आदि आते थे. जैसे की अपने कई धार्मिक कथाओं में सुना होगा की परशुराम ने कई दुष्ट क्षत्रियों का नाश अपने शस्त्र से किया था वो उनका परशु था जिसके कारण उन्हें परशुराम कहते थे. तो वहीं अपने सुना होगा की भीम गदा में निपुण थे तो भीम की गदा उनका शस्त्र था. अपने ये भी सुना होगा की पहले के समय में राजा महाराजा तलवार से एक दूसरों पे प्रहार करते थे वो शस्त्र होता था.

अस्त्र और शस्त्र के उदाहरण !!

अस्त्र के उदाहरण !!

# आग्नेय एक प्रकार का अस्त्र है जो धनुष के द्वारा चलाया जाता है ये अभिमंत्रित होता है जो अग्नि की बरसा करके सब जला देने में सक्षम होता है.

# पर्जन्य भी अस्त्र का रूप है जो आग्नेय का प्रतिकार करता है ये भी मंत्र द्वारा चलता है लेकिन इसमें आग खत्म करने के लिए वर्षा होती है जिससे किसी प्रकार की हानि अग्नि से न हो पाए. जब भी कोई आग्नेय का प्रयोग करता था तो उसे रोकने के लिए पर्जन्य का प्रयोग किया जाता था.

वायव्य भी अस्त्र है जिसे जब मंत्र पढ़ के चलाया जाता था तो इससे भयंकर तूफान आता था और सब तीतर बितर हो जाता था.

# पन्नग ये कुछ अजीब अस्त्र था जब इसे चलाया जाता था तो इससे सर्प की झड़ी दुश्मन पे गिरती थी और उसकी मृत्यु सर्प के डसने से हो सकती थी.

# गरुड़ अस्त्र पन्नग का प्रतिकार करने के लिए चलाया जाता था जिसमे से गरुण निकलते थे जो सर्प को खा जाते थे.

# ब्रह्मास्त्र ये सबसे शक्तिशाली अस्त्र होता था इसमें जब मंत्र पढ़ के चलाया जाता था और जिसके ऊपर चलाया जाता था उसका नाश किये बिना ये बापस नहीं लौटता था. इसके प्रतिकार के लिए दूसरा ब्रह्मास्त्र ही चलाना होता था लेकिन जब दोनों ब्रह्मास्त्र टकराते थे तो पूरी श्रष्टि नष्ट हो सकती थी इसलिए आज तक इसका प्रयोग कभी नई किया गया था. इसका प्रयोग एक बार अश्व्थामा ने अभिमन्यु के बेटे के ऊपर किया था जब वो गर्व में था तो सबने कोशिश की लेकिन उसकी मृत्यु हो गयी जिसे बाद में भगवान कृष्ण ने जीवित किया था. उस ब्रह्मास्त्र को रोकने के लिए अर्जुन ने भी ब्रह्मास्त्र चलाया था लेकिन कृष्ण के आग्रह पे अर्जुन ने अपना ब्रह्मास्त्र बापस बुला लिया था क्यूंकि उससे पूरी श्रष्टि खत्म हो सकती थी.

पाशुपतास्त्र ये सबसे अनोखा और शक्तिशाली बाण था जो केवल महाभारत में अर्जुन के पास था जिसका प्रयोग उन्होंने अपने बहनोई की हत्या के लिए किया था जिसकी सहायता से अभिमन्यु को मौत के घाट उतारा था कौरव ने.

# नारायणास्त्र ये भी शक्तिशाली और अद्भुत बाण है इसे चलाने के बाद दुश्मन की मृत्यु तय होती है चाहे वो कहीं भी हो ये शक्ति उस तक पहुंच के उसका सामना करती है इसका प्रतिकार कुछ नहीं है लेकिन यदि दुश्मन अपने अस्त्र और शस्त्र त्याग कर माफ़ी मांग ले तो ये सकती विफल हो जाती है.

शस्त्र के उदाहरण !!

शस्त्र में शक्ति, तलवार, धनुष, पाश, तोमर, ऋष्टि, गदा, मुद्गर, त्रिशूल, वज्र, शूल, असि, चन्द्रहास, फरसा, मुशल, भिन्दिपाल, परशु आदि आते हैं जो आमतौर पे लोग हाथ में पकड़ के ही चलाते थे. जैसा की हम सब जानते ही हैं इनके अधिकतर शस्त्रों के बारे में इसलिए जो कुछ अलग प्रकार के शस्त्र हैं हम उनकी जानकारी आपको दे रहे हैं जैसे की :

परशु: ये भगवान परशुराम के पास शस्त्र था जिससे वो पापिओं का नाश करते थे. ये छुरे के समान होता था लेकिन इसका आकर छुरे से काफी बड़ा
होता था.

# पाश: ये ५ गज का होता है जो सन, रूई, घास या चमड़े के तार से बनाया जाता है.

# ऋष्टि: ये तलवार की तरह होता है और ये बहुत प्राचीन होता है.

# मुद्गर: इसका आकार हतोड़े के जैसा होता है इसे एक हाथ से चलाया जाता है.

# असि: ये तलवार का पर्यावाची है.

# चन्द्रहास: ये शस्त्र टेढ़ी तलवार के समान वक्र कृपाण के रूप में होता है.

# मुशल: गदा की तरह होता है लेकिन इसे दूर से फेका जाता है.

# भिन्दिपाल: ये लोहे की धातु से बना उपकरण है जिसे फेंक के दुशमन पे वार किया जाता है.

हमें आशा है कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे । अगर आप हमारे दिए गए आलेख में कोई गलती पाते हैं। तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं ताकि हम आगे आने वाले आलेख के अंदर आपको ओर अच्छी जानकारी से अवगत करवा सकें। धन्यवाद !!

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Ankita Shukla

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