नमस्कार दोस्तों….आज हम इलेक्ट्रिकल से जुड़ा टॉपिक लेके आएं हैं जिसमे हम आपको ये बताएंगे कि एनोड और कैथोड क्या होता है और इनमे क्या क्या नटेर पाए जाते हैं. जैसा कि हम सब जानते हैं एनोड और कैथोड भले ही हमारे जीवन में डायरेक्ट कोई महत्व न रखे लेकिन इसका महत्व इनडायरेक्ट तरीके से बहुत है. क्यूंकि हम रोजाना कई चीजों में बैटरी का प्रयोग करते हैं और हम उसका महत्व समझते हैं लेकिन कभी सोचा है कोई बैटरी किस मैकेनिज्म पे काम करती है जी हाँ दोस्तों बैटरी जिस मेचानिस्म पे काम करती है उसी में एनोड और कैथोड की जरूरत होती है और इसके बिना बैटरी कार्य करने में असमर्थ है.
सूची
एनोड क्या है | What is Anode in Hindi !!
किसी भी बैटरी के किनारों में दो टर्मिनल होते हैं जिसमे एक एनोड होता है और दूसरा कैथोड. जब कभी भी बैटरी या सर्किट में करंट फ्लो होती है तो वो एनोड और कैथोड जैसे दो टर्मिनल के जरिये होती है. जिसमे एक पॉजिटिव और दूसरा नेगेटिव चार्ज होता है. जब करंट फ्लो होती है किसी भी सर्किट में तो उसमे एक पॉजिटिव टर्मिनल होता है जिसे हम कैथोड कहते हैं और एक नेगेटिव टर्मिनल होता है जिसे हम एनोड कहते हैं.
लेकिन जब बैटरी को चार्ज करना होता है तो एनोड और कैथोड के चार्ज बदल जाते हैं और एनोड पॉजिटिव हो जाता है और कैथोड नेगेटिव हो जाता है.
सामान्य रूप से यदि बात की जाये तो एनोड का चार्ज करंट फ्लो होने के समय नेगेटिव होता है और बैटरी को चार्ज करने के समय पॉजिटिव हो जाता है. एनोड और कैथोड एक प्रकार के इलेक्ट्रोड होते हैं. जिनका चार्ज कार्य के अनुसार बदल जाता है. एनोड पे इलेक्ट्रान डिवाइस के जरिये पहुंचते हैं और फिर करंट फ्लो होती है.
कैथोड क्या है | What is Cathode in Hindi !!
कैथोड भी एक प्रकार के इलेक्ट्रोड है जिसका कार्य एनोड के साथ मिल के करंट को फ्लो करना होता है. जब कभी भी सर्किट में करंट फ्लो की जाती है तो कैथोड पॉजिटिव होता है और जब भी बैटरी को चार्ज किया जाता है तो कैथोड नेगेटिव होता है और साथ ही एनोड पॉजिटिव हो जाता है. कैथोड में इलेक्ट्रॉन बाहर से बहते हैं.
एनोड और कैथोड में क्या अंतर है | Difference between Anode and Cathode in Hindi !!
# किसी भी सर्किट में दो इलेक्ट्रोड होते हैं एक कैथोड दूसरा एनोड. जब सर्किट में करंट फ्लो होती है एनोड नेगेटिव होता है और कैथोड पॉजिटिव.
# बैटरी में जब बैटरी को चार्ज किया जाता है तो कैथोड नेगेटिव हो जाता है और एनोड पॉजिटिव.
# बैटरी के केस में एनोड दूसरों को इलेक्ट्रॉन्स देता है जिसके कारण उसके पास इलेक्ट्रॉन्स की कमी हो जाती है इसलिए उसपे पॉजिटिव चार्ज होता है और कैथोड इलेक्ट्रॉन्स को दूसरों से लेता है जिसके कारण उसके पास अधिक इलेक्ट्रॉन्स हो जाते हैं इसलिए उसपे नेगेटिव चार्ज आता है.
# कैथोड में इलेक्ट्रॉन बाहर से बहते हैं जबकि एनोड पे इलेक्ट्रान डिवाइस के जरिये पहुंचते हैं और फिर करंट फ्लो होती है.
# एनोड और कैथोड अपने कार्य के अनुसार अपना चार्ज बदलते हैं.
उम्मीद है दोस्तों कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी और आपके काफी काम भी आयी होगी. यदि फिर भी कोई गलती आपको हमारे ब्लॉग में दिखे या आपके मन में कोई अन्य सवाल या सुझाव हो तो वो भी आप हमसे पूछ सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे उस सवाल का जबाब आपको देने और आपके सुझाव को समझने और उसे पूरा करने की. धन्यवाद !!!