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आनंदपुर साहिब गुरुद्वारा का इतिहास !!

आनंदपुर साहिब का इतिहास | Anandpur Sahib History in Hindi !!

दोस्तों नमस्कार, आज के लेख में हम सिख धर्म में दूसरे नंबर पर आने वाले सबसे पवित्र स्थान पर चर्चा करने वाले हैं। वैसे तो सबसे प्रमुख तीर्थ स्थल अमृतसर का हरमिंदर साहिब है । इसके बाद दूसरा पवित्र स्थान आनंदपुर साहिब है जो कि सिख धर्म में अमृतसर के बाद अपना दूसरा स्थान रखता है। गुरुद्वारा आनंदपुर साहिब के मध्य केतन में श्री केसगढ़ साहिब बना हुआ है। पुराने ग्रंथों के अनुसार कहा जाता है कि आनंदपुर साहिब जी में अगर कोई मत्था टेकने आता है तो उसकी सारी इच्छाएं पूरी हो जाती है तथापि वह किसी को नुकसान देने वाली ना हो या फिर किसी का दिल दुखाने वाली ना हो। सिख धर्म की बात करें तो यह गुरुद्वारा एकता का प्रतीक माना जाता है आनंदपुर साहिब गुरुद्वारा भारत के पंजाब राज्य में उत्तर दक्षिण क्षेत्र में शहर चंडीगढ़ से तकरीबन 80 किलोमीटर की दूरी पर बना हुआ है।

प्राचीन काल में सन 1664 के अंदर श्री गुरु तेग बहादुर जी ने आनंदपुर साहिब जी गुरुद्वारे का निर्माण करवाया था एक और रोमांचित कर देने वाली बात यह है कि श्री गुरु गोविंद सिंह जी ने इस गुरुद्वारे मैं 25 साल से भी ज्यादा समय व्यतीत किया था।

सन 1936- 1944 मैं तख्त केसरगढ़ साहिब जो आनंदपुर साहिब के मध्य में स्थित है का निर्माण किया गया था वहां के स्थानीय गुरुओं का मानना है कि वहां पर खुदाई के दौरान कुछ शस्त्र भी पाए गए थे। जो यहां पर तख्त साहिब बना हुआ है वहां पर एक वास्तुशिल्प से बना बड़ा भवन निर्मित है । इस वास्तुशिल्प भवन के सामने एक बहुत ही ज्यादा खूबसूरत वाटिका का निर्माण किया गया है।

आनंदपुर साहिब गुरुद्वारा का इतिहास | Anandpur Sahib History in Hindi !!

आनंदपुर साहिब में सबसे पवित्र स्थान गढ़ साहिब बना हुआ है जोकि आज के खालसा वर्ग द्वारा ही बनाया गया है। जिसे सिख तख्तो में एक माना गया है। यह मंदिर एक बड़ी पहाड़ी पर स्थित है। यहां पर आने वाले श्रद्धालु मंदिर यंग गुरुद्वारा पर जाने के लिए पैदल यात्रा करते हैं। आनंदपुर साहिब के मध्य में स्थित केसरगढ़ साहिब विशाल संगमरमर के पत्थर से बना हुआ है । जिसका प्रांगण चकोर बना हुआ है। केसरगढ़ साहिब के सामने ही मुख्य पूजा का स्थल बनाया गया है। जहां पर पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को रखा गया है। जो प्रांगण बना हुआ है उसके बीचो-बीच सिख समाज के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी द्वारा युद्ध के दौरान उपयोग में लिए जाने वाली आज तक शास्त्रों को रखा गया है। यह रखे गए अस्त्र-शस्त्र गुरुद्वारे के आकर्षण में चार चांद लगा देते हैं।

श्री आनंदपुर साहिब गुरुद्वारे में अप्रैल माह के समय वैशाख का त्योहार सिख धर्म के लोग मिलकर बहुत ही ज्यादा धूमधाम से मनाते हैं तथा इनका एक प्रसिद्ध त्योहार होला मोहल्ला त्योहार सिख समाज के दसवें गुरु जी श्री गुरु गोविंद सिंह जी ने बनाया था। इस गुरुद्वारे में बहुत दूर-दूर से श्रद्धालु अपनी इच्छाओं को पूरी करने के लिए आते हैं तथा यहां पर सेवा करने के लिए आते हैं। होला मोहल्ला के त्यौहार के दौरान सभी मिलकर रंगों से खेलते हैं जो कि बहुत ही आनंदमय और देखने के लायक होता है। जो वैशाख त्यौहार मनाया जाता है उसको 1999 में 300 साल पूरे हो गए थे।

अगर आप यहां पर घूमने जाना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले रेल के माध्यम से दिल्ली से होते हुए सीमांचल एक्सप्रेस रेलवे लेनी है जोकि आपको राजधानी दिल्ली से आनंदपुर तक पहुंचा देगी इसके अलावा आप हावड़ा कालका रेलवे शताब्दी एक्सप्रेस से चंडीगढ़ पहुंच सकते हैं उससे कुछ ही दूरी पर आपको आनंदपुर की बस मिल जाएगी। कई कई बार कुछ बसें दिल्ली से चंडीगढ़ होकर आनंदपुर साहिब को भी जाती है।

आनंदपुर साहिब गुरुद्वारा फोटो | Anandpur Sahib Images !!

आनंदपुर साहिब गुरुद्वारा का इतिहास | Anandpur Sahib History in Hindi !!

 

आनंदपुर साहिब गुरुद्वारा का इतिहास | Anandpur Sahib History in Hindi !!

 

आनंदपुर साहिब गुरुद्वारा का इतिहास | Anandpur Sahib History in Hindi !!

 

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आनंदपुर साहिब गुरुद्वारा का इतिहास | Anandpur Sahib History in Hindi !!

 

आनंदपुर साहिब गुरुद्वारा का इतिहास | Anandpur Sahib History in Hindi !!

Ankita Shukla

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