नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “स्नेह और प्रेम” के विषय में जानकारी देने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “स्नेह और प्रेम क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. दोस्तों हमने अक्सर देखा है कि कुछ लोग प्रेम और स्नेह शब्दों को लेके अजीब सी दुविधा में रहते हैं, क्यूंकि उन्हें समझ नहीं आता है कि आखिर दोनों में अंतर क्या है?, और इसी दुविधा के कारण वो अक्सर दोनों शब्दों को एक दूसरे के स्थान पर प्रयोग कर लेते हैं, जो गलत होता है, इसलिए आज हम इस टॉपिक को आपके लिए लाये है, तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.
सूची
स्नेह क्या है | What is Affection in Hindi !!
स्नेह एक प्रकार का लगाव होता है, जिसमे हमे जिसके साथ लगाव होता है, उसे हम प्यार और ममता की नजरों से देखते हैं. उसके प्रति हमारे मन में कभी भी कटु विचार नहीं आते हैं. हम सदैव उसका भला चाहते हैं. इसका सबसे अच्छा उदाहरण: एक माता पिता और बच्चे का है. जिसमे माता और पिता को अपने बच्चे से बहुत स्नेह होता है, वे उसके प्रति सदैव प्यार के भाव रखते हैं.
प्रेम क्या है | What is Love in Hindi !!
प्रेम के कई नाम है, जिसे उर्दू में मोहब्बत कहा जाता है. इसका सबसे अच्छा उदाहरण: राधा कृष्ण का रिश्ता है. जिस प्रकार का रिश्ता भगवान कृष्ण का राधा जी के साथ था, उस प्रकार का रिश्ता ही असल में प्रेम कहलाता है. इस रिश्ते में हम जिससे प्रेम करते हैं उसे कभी भी दुखी नहीं देखना चाहते, सदैव उसको अपने सबसे करीब देखना चाहते हैं. इस प्रकार का रिश्ता प्रेम कहलाता है.
स्नेह और प्रेम में क्या अंतर है | Difference between Affection and Love in Hindi !!
# एक माँ का लगाव जो अपने बच्चे से होता है उसे स्नेह कहते हैं और एक लगाव जो एक प्रेमी को अपनी प्रेमिका से होता है उसे हम प्रेम कहते हैं.
# स्नेह में आप सामने वाले को कभी दुखी नहीं देखना चाहते हैं जबकि प्रेम में आप अपने चाहने वाले को कभी दूर नहीं देखना चाहते हैं.
# स्नेह में खोने का प्रेम से कम होता है लेकिन स्नेह में ममता का भाव होता है.
# यशोदा का रिश्ता कृष्ण से स्नेह का था और राधा का रिश्ता कृष्ण से प्रेम का था.
तो दोस्तों आपको हमारा ब्लॉग कैसा लगा हमे अवश्य बताएं और साथ ही यदि कोई सवाल या सुझाव भी आपके मन में हो, तो वो भी आप हमसे पूछ सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे आपके सवालों का उत्तर देने की और आपके सुझावों को समझने की. धन्यवाद !!