नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “Signs and Symptoms” अर्थात “संकेत और लक्षण” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “संकेत और लक्षण क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. दोस्तों संकेत अर्थात Sign वो होते हैं जिन्हे व्यक्ति के शरीर में डॉक्टर देखता है जबकि लक्षण अर्थात Symptoms वो होते हैं, जिन्हे खुद व्यक्ति महसूस करता है. आज हम आपको इन्ही के विषय में बताने जा रहे हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टोपिक।
सूची
संकेत क्या है | What is Sign in Hindi !!
जब किसी व्यक्ति को उसके शरीर में कुछ परेशानी दिखती है तो वो उसे समझने और उपचार हेतु डॉक्टर के पास जाता है, और डॉक्टर शरीर में होने वाली परेशानी के संकेत को भांपते हुए बीमारी का उपचार करता है. यदि आसान भाषा में समझाया जाये तो sign या संकेत चोट या बीमारी की शारीरिक अभिव्यक्ति होती हैं. जिसे बस भांपा जा सकता है. एक उच्च तापमान, तेज नाड़ी, निम्न रक्तचाप, खुले घाव और चोट लगने को संकेत के रूप में जाना जा सकता है।
लक्षण क्या है | What is Symptom in Hindi !!
जब किसी व्यक्ति के अंदर कुछ शारीरिक परेशानी होती है और उसे अपने शरीर में कुछ बदलाव दिखते हैं, तो वो बदलाव लक्षण कहलाते हैं. लक्षण के आधार पर ही एक मरीज डॉक्टर के पास जाता है और फिर डॉक्टर उसे लक्षण के संकेतों के आधार पर दवाई व उपचार प्रदान करता है. ठंड लगना, कंपकंपी, बुखार, मिचली, कंपकंपी और चक्कर आना लक्षण का रूप हैं.
Difference between Sign and Symptoms in Hindi | संकेत और लक्षण में क्या अंतर है !!
# संकेतों को इस अर्थ में उद्देश्य कहा जाता है कि उन्हें महसूस किया, सुना या देखा जा सकता है, जैसे: रक्तस्राव, घाव, सूजन और बुखार, आदि संकेत हैं जबकि लक्षण इस अर्थ में व्यक्तिपरक हैं कि वे बाहरी रूप से दूसरों को दिखाई नहीं देते हैं। यह केवल रोगी है जो लक्षणों को महसूस कर सकता है.
# संकेत वस्तुनिष्ठ हैं। दूसरी ओर लक्षण व्यक्तिपरक हैं
# संकेत को देखा जा सकता है जबकि लक्षण को महसूस किया जा सकता है केवल.
# संकेत डॉक्टर को दिखता है जबकि लक्षण मरीज को केवल महसूस होता है और मरीज के अलावा कोई नहीं जान सकता।
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