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GPF और PPF में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों….आज हम आपको “GPF और PPF” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “GPF और PPF क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. जैसा कि हम जानते हैं, कि दोनों ही अकाउंट सेविंग के लिए होते हैं, लेकिन इनमे अंतर क्या होता है, आज हम आपको इसके विषय में जानकारी देने जा रहे हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

GPF क्या है | What is GPF in Hindi !!

GPF क्या है | What is GPF in Hindi !!

GPF का पूरा नाम “General Provident Fund” होता है, ये एक प्रकार का प्रोविडेंट फंड अकाउंट होता है, लेकिन ये सभी कर्मचारियों के लिए नहीं होता है. इसका लाभ केवल सरकारी कर्मचारियों को उनके रिटायरमेंट के वक्त दिया जाता है. यदि कोई भी सरकारी कर्मचारी इस सुविधा का लाभ लेना चाहता है, तो उसे एक निश्चित हिस्सा अपनी सैलरी का इस अकाउंट में जमा करना आवश्यक होता है. इसमें एक निश्चित वर्ग के सरकारी कर्मचारियों को GPF में योगदान करना जरूरी होता है.

GPF अकाउंट के लिए सरकारी कर्मचारी को इंस्टॉलमेंट के रूप में एक निर्धारित वक्त तक एक निश्चित राशि को जमा करना आवश्यक होता है. इसमें एक अकाउंट होल्डर अपने अकाउंट को खोलने के समय किसी को नॉमिनी भी बना सकता है. इसमें जमा धन राशि अकाउंट होल्डर को उसके रिटायरमेंट के दौरान ही दिया जायेगा और इस दौरान अकाउंट होल्डर को कुछ होता है, तो ये धन राशि नॉमिनी को दी जाती है.

GPF अकाउंट के जरिये एक कर्मचारी लोन लेने में भी सक्षम होता है और खास बात यह है कि इसके द्वारा मिले लोन पर कोई ब्याज भी नहीं होता है. एक कर्मचारी अपने पूरे करियर में इस अकाउंट के जरिये कितनी भी बार GPF से लोन ले सकता है यानी इसकी कोई निश्चित संख्या नहीं है.

PPF क्या है | What is PPF in Hindi !!

PPF क्या है | What is PPF in Hindi !!

PPF अकांउट GPF से थोड़ा अलग होता है, ये अकाउंट कोई भी नागरिक खुलवा सकता है, फिर चाहें वो नाबालिक ही क्यों न हो. इस अकाउंट को खुलवाने के लिए व्यक्ति का कर्मचारी होना आवश्यक नहीं होता है. ये एक सेविंग्स कम टैक्स सेविंग्स अकाउंट माना जाता है. इसका सबसे बड़ा लाभ ये है, कि ये टैक्स फ्री डिपॉजिट करता है अर्थात इसमें होने वाला डिपॉजिट टैक्स फ्री होता है साथ ही इसके मैच्योरिटी पर और ब्याज पर कोई टैक्स नहीं होता है.

इसका मैच्योरिटी पीरियड 15 वर्ष का होता है. इस अकाउंट में आप 500 से लेके 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं. इस अकाउंट पर मिलने वाली ब्याज दर 8 फीसदी तक होती है. PPF अकाउंट के खुलवाने के तीसरे वित्त वर्ष के बाद से आप इसके द्वारा लोन ले सकते हैं. जिसके लिए आपको कोई सिक्योरिटी भी नहीं देनी पड़ती है. लेकिन इस अकाउंट पर लिए गए लोन पर ब्याज भरना पड़ता है. इस अकाउंट में भी आप नॉमिनी बना सकते हैं, किसी को भी.

Difference between GPF and PPF in Hindi | GPF और PPF में क्या अंतर है !!

# GPF का पूरा नाम “General Provident Fund” और PPF का पूरा नाम “Public Provident Fund” होता है.

# GPF केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए चलाया गया एक प्रोविडेंट फंड अकाउंट होता है जबकि PPF देश के प्रत्येक नागरिक के लिए चलाया गया एक प्रोविडेंट फंड अकाउंट है.

# GPF में कर्मचारी को अपनी सैलरी का एक निश्चित भाग हर महीने इस अकाउंट में जमा करना पड़ता है जबकि PPF में कोई भी नागरिक अपनी मर्जी के अनुसार जब चाहे तब निवेश कर सकता है.

# GPF में इसका लाभ केवल सरकारी कर्मचारियों को उनके रिटायरमेंट के वक्त दिया जाता है जबकि PPF का मैच्योरिटी पीरियड 15 वर्ष का होता है.

# GPF में सैलरी का एक निश्चित भाग इस अकाउंट में जमा करना पड़ता है जबकि PPF में 500 से लेके 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं.

# GPF अकाउंट के जरिये एक कर्मचारी कितने भी लोन ले सकता है और उसपे कोई ब्याज भी नहीं देना पड़ता है जबकि PPF अकाउंट के जरिये भी लोन किया जा सकता है लेकिन इस्पे ब्याज देना पड़ता है.

# GPF केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए होता है जबकि PPF हर एक नागरिक यहां तक एक नाबालिक तक के लिए होता है.

# PPF में डिपाजिट और उसके ब्याज पर कोई टैक्स नहीं होता जबकि GPF में होता है.

हमे उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी और आपके कुछ हद तक काम भी आयी होगी. यदि फिर भी कोई गलती आपको हमारे ब्लॉग में दिखे या आपके मन में कोई अन्य सवाल या सुझाव हो तो वो भी आप हमसे पूछ सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे उस सवाल का जबाब आपको देने और आपके सुझाव को समझने और उसे पूरा करने की. धन्यवाद !!!

Ankita Shukla

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