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वाच्य की परिभाषा | Definition of Voice in Hindi !!
वाच्य जिसे अंग्रेजी में Voice कहा जाता है, यह क्रिया के उस रूपान्तर को बताता है, जिससे कर्ता, कर्म और भाव के अनुसार क्रिया के परिवर्तन का पता किया जा सके.
यथा –
सीता पुस्तक पढ़ती है।
किताब पढ़ी जाती है।
सोहन से पढ़ा नहीं जाता है।
ऊपर दिए वाक्यों में उनकी क्रियाएँ क्रमशः कर्ता , कर्म और भाव के अनुसार मौजूद हैं। पहले वाक्य में रमा कर्ता है और उसके अनुसार क्रिया: – “पढ़ती है” है.
वाच्य के भेद :
वाच्य के तीन भेद होते हैं-
- कर्तृवाच्य
- कर्मवाच्य
- भाववाच्य