नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “दो स्ट्रोक और चार स्ट्रोक इंजन” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “दो स्ट्रोक और चार स्ट्रोक इंजन क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. दोस्तों हम आपको इनके विषय में बताने से पहले कुछ महत्वपूर्ण जानकारी अपने ब्लॉग के विषय में देने जा रहे हैं.
हम अपने ब्लॉग में जो भी जानकारी लेके आते हैं, वो कहीं न कहीं हमारे पाठकों द्वारा हमसे पूछे गए सवालों में से ही एक होते हैं. इसलिए यदि आपके भी मन में कोई सवाल हो, तो आप भी हमसे कमेंट बॉक्स के जरिये पूछ सकते हैं. अब चलिए अपने टॉपिक पर आते हैं और शुरू करते हैं आज का टॉपिक.
सूची
दो स्ट्रोक इंजन क्या है | What is Two Stroke Engine in Hindi !!
Two Stroke Engine को हिंदी में “द्विघात इंजन” कहते हैं, जो एक प्रकार का अन्तर्दहन इंजन होता है, ये क्रैंकशाफ्ट के एक ही चक्कर (अर्थात, पिस्टन के दो चक्कर) में ही उर्जा-परिवर्तन का पूरा चक्र (thermodynamic cycle) पूरा करने में सक्षम होता है। यदि आसान भाषा में बात करें तो Two stroke engine ऊष्मागतिकी चक्र को पिस्टन के दो चक्रों में पूरा कर सकता है.
चार स्ट्रोक इंजन क्या है | What is Four Stroke Engine in Hindi !!
आज के समय में अधिकांश वाहनों अर्थात कारों, ट्रकों, मोटरसाइकिलों व वायुयानों आदि में अन्तर्दहन इंजन प्रायः फोर स्ट्रोक इंजन ही प्रयोग किये जाते हैं. इसमें जो “फोर स्ट्रोक” शब्द का प्रयोग हुआ है, उसका अर्थ है कि इसके द्वारा ईंधन से यांत्रिक उर्जा में परिवर्तन का चक्र कुल चार चरणों में पूरा किया जा सकता है. इस प्रकार के चरण को क्रमश: इनटेक, संपीडन (कम्प्रेशन), ज्वलन (combustion), एवं उत्सर्जन (exhaust) के नाम से जानते हैं. इसकी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन चार चरणों (स्ट्रोकों) को पूरा करने में क्रैंकसाशाफ्ट को दो चक्कर ही लेने पड़ते हैं.
Difference between Two Stroke and Four Stroke Engine in Hindi | दो स्ट्रोक इंजन और चार स्ट्रोक इंजन में क्या अंतर है !!
# दो स्ट्रोक इंजन एक प्रकार का अन्तर्दहन इंजन होता है, ये क्रैंकशाफ्ट के एक ही चक्कर (अर्थात, पिस्टन के दो चक्कर) में ही उर्जा-परिवर्तन का पूरा चक्र (thermodynamic cycle) पूरा कर लेता है जबकि चार स्ट्रोक इंजन भी अन्तर्दहन इंजन ही होता है जो ईंधन से यांत्रिक उर्जा में परिवर्तन का चक्र कुल चार चरणों में पूरा करता है.
# चार स्ट्रोक इंजन में भारी फ्लाईव्हील की आवश्यकता होती है और इंजन असंतुलित होकर चलता है क्योंकि क्रैंकशाफ्ट के हर दो revolutions के लिए एक बार पॉवर स्ट्रोक के कारण कोई turning moment नहीं होता है जबकि दो स्टॉक इंजन में हल्के फ्लाईव्हील की आवश्यकता होती है और इनमे इंजन संतुलित रूप से चलते हैं क्यूंकि इसमें एक पावर स्ट्रोक होने के कारण turning moment अधिक होता है प्रत्येक क्रैंकशाफ्ट के revolution के लिए.
# चार स्ट्रोक इंजन भारी होता है जबकि दो स्ट्रोक इंजन हल्का होता है.
# चार स्ट्रोक इंजन की डिज़ाइन वाल्व मैकेनिज्म के कारण कॉम्प्लिकेटेड होती है जबकि दो स्ट्रोक इंजन की डिज़ाइन वाल्व मैकेनिज्म न होने के कारण सरल होती है.
# चार स्ट्रोक इंजन, दो स्ट्रोक इंजन की अपेक्षा महंगा होता है.
# चार स्ट्रोक इंजन ठंडा होता है जबकि दो स्ट्रोक इंजन गर्म होता है.
# चार स्ट्रोक इंजन को पानी के द्वारा ठंडा किया जाता है जबकि दो स्ट्रोक इंजन को हवा के जरिये ठंडा किया जाता है.
हम पूरी आशा करते है कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे अगर आपको और अन्य किसी प्रकार की जानकारी चाहिए तो आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं | इन सब के अलावा अगर आलेख में कोई आप गलती पाते हैं तो वो भी कमेंट बॉक्स में में जरूर बताएं ताकि हम आगे आने वाले आलेख में सुधार कर पाए और आपको एक बेहतर सूचना से अवगत करा सके. धन्यवाद!!!