हेलो दोस्तों…आज हम आपको अपने आलेख में बताने जा रहे हैं की आखिर SDO और SDM में अंतर क्या क्या होते हैं. क्यूंकि हमने बहुत बार लोगों को दोनों के अंतर में सोचते देखा है और ये हो भी क्यों न क्यूंकि ये थोड़ा कॉमन सा लगता है जिसके कारण आप ऊपरी ज्ञान से ये निर्धारित नहीं कर सकते की इनमे क्या क्या अंतर हो सकते हैं. इसलिए हमने सोचा क्यों न कुछ ज्ञान एकत्र कर उन्हें हम आप तक पहुचायें जिनसे आपको भी कुछ फायदा मिले और आपको नॉलेज मिले.
सूची
SDO क्या है !!
SDO (सब डिविजनल ऑफिसर) एक सरकारी नौकरी की पोस्ट जो विधुत डिपार्टमेंट से लेके पुलिस डिपार्टमेंट तक सब में होती है. लगभग हर जिले और हर डिपार्टमेंट में एक SDO होता है. देश में कोई भी डिपार्टमेंट को व्यवस्थित तरीके से चलाने के लिए उन्हें कई राज्यों में बाटा जाता है और हर राज्य के कई जिलों में डिपार्टमेंट का काम विस्तार रूप से किया जाता है जिसे उपविभाग कहते हैं और जो इस व्यवस्था को सुचारु रूप से और जो पूरी तरह से संभालता है उसे सब डिविजनल ऑफिसर या उप-विभागीय अधिकारी कहा जाता है.
SDM क्या है !!
SDM (सब डिविजनल मजिस्ट्रेट) जो सभी राज्यों के हर जिले में अलग अलग होता है. इन्हे जिला की व्यवस्था बनाये रखने के लिए नियुक्त किया जाता है. इन्हे Tax inspector, Collector Magistrate सशक्त करते है। इसका काम पुरे जिले की देख रेख और जितने भी जमीनी मामले चल रहे हैं उन्हें संभालने की होती है.
SDO और SDM में अंतर !!
# SDO को उप-भागीय अधिकारी कहा जाता है जबकि सद्म को उप-प्रभागीय न्यायधीश कहा जाता है.
# SDO हर जिले में कई हो सकते है लेकिन SDM हर जिले का एक ही होता है.
# SDO हर जिले में हर डिपार्टमेंट में अलग अलग होता है जबकि SDM हर जिले में केवल ही होता है.
# SDO केवल अपने डिपार्टमेंट की व्यवस्था की जिम्मेदारी रखता है जबकि SDM पुरे जिले की व्यवस्था की जिम्मेदारी रखता है.
# SDO की संख्या SDM की संख्या से हमेशा ज्यादा होती है.
तो दोस्तों आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी किसी लगी और आपके कितना काम आयी हमे अवश्य बताएं और यदि आपके मन में कोई सवाल या सुझाव भी हो तो हमे बताना न भूले क्यूंकि हमे अच्छा लगेगा कि आप हमसे सम्पर्क कर के हमे और बेहतर बनाने में मदद करते हैं तो.