नमस्कार दोस्तों….हम सब इंटरनेट का आजकल कितना प्रयोग करते हैं. जितना ही इसका उपयोग बढ़ता जा रहा है. उतना ही इसे जानने की लोगों कि जिज्ञासा बढ़ती जा रही है. इसीलिए हमने सोचा कि क्यों न हम भी आपको कुछ जानकारी दे इंटरनेट के उपकरणों के बारे में. तो चलिए जानते हैं कि राऊटर और ब्रिज क्या होता है और इनमे क्या अंतर होता है.
सूची
राउटर क्या है | What is the Router in Hindi !!
राऊटर एक प्रकार का इंटर नेटवर्किंग डिवाइस होता है जो कम से कम दो नेटवर्क को आपस में जोड़ता है. इसमें एक सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता है जिसके जरिये एक नेटवर्क से डाटा दूसरी नेटवर्क या डिवाइस में ट्रांसफर किया जाता है. ये एक प्रकार की नेटवर्किंग डिवाइस है जो अलग अलग प्रोटोकॉल के ऊपर चलता है. राऊटर की एक खास बात है कि वो मैक एड्रेस के स्थान पे IP एड्रेस के ऊपर कार्य करती है जिसमे मैक एड्रेस के जरिये डाटा को आगे भेजा जाता है इसलिए ये विभिन्न प्रोटोकॉल पे काम करता है.
राऊटर कोलिजन डोमेन और ब्रॉडकास्ट डोमेन दोनों को संभालता करता है. यह OSI मॉडल की तीसरी लेयर होती है. जब डाटा पैकेट को किसी भी डिवाइस या नेटवर्क पे भेजा जाता है तो उसे सीधे नहीं भेजा जा सकता है जिसके कारण यहां पे राऊटर का प्रयोग होता है जिसके जरिये डाटा पैकेट को अन्य नेटवर्क पे आसानी से भेजा जा सकता है.
राऊटर, नेटवर्क को IP एड्रेस के अनुसार ही भेजता है क्यूंकि इसमें राऊटर IP address के आधार पे फ़िल्टर करता है डाटा को.
ब्रिज क्या है | What is Bridge in Hindi !!
ब्रिज एक प्रकार की नेटवर्किंग डिवाइस होती है जो डाटा सेग्मेंट्स को जोड़ने में प्रयोग होता है और ये डाटा को भी फ़िल्टर करता है. ब्रिज की बनावट आयताकार होती है. जिसमे एक इनकमिंग और एक आउटगोइंग पोर्ट होते हैं. ब्रिज का सबसे महत्वपूर्ण रोल यह है की वो डाटा को डेस्टिनेशन तक भेजता है फ़िल्टर कर के. यदि ब्रिज को डेस्टिनेशन ठीक से नहीं मिलता तो वो डाटा को आगे नहीं भेजता है. ब्रिज डाटा को ट्रांसमिट करने के साथ साथ डाटा सिग्नल और ट्रैफिक को भी संभालता है. इसमें डाटा फ्रेम के रूप में ट्रांसमिट होता है और ये OSI मॉडल की दूसरी लेयर पे काम करता है.
राउटर और ब्रिज में क्या अंतर है | Difference between Router and Bridge in Hindi !!
# राऊटर एक इंटरनेटवर्किंग डिवाइस होती है और ब्रिज एक नेटवर्क डिवाइस है.
# राऊटर OSI मॉडल की तीसरी लेयर के ऊपर काम करती है जबकि ब्रिज OSI मॉडल की दूसरी लेयर के ऊपर काम करता है.
# राऊटर डाटा पैकेट को दो या दो से अधिक नेटवर्क तक भेजता है जबकि ब्रिज डाटा को उसके डेस्टिनेशन तक पहुंचने में मदद करता है वो भी डाटा को फ़िल्टर कर के.
# राऊटर नेटवर्क लेयर पे काम करता है जबकि ब्रिज डाटा लिंक लेयर पे.
# राऊटर पैकेट के फॉर्म में डाटा को ट्रांसफर करता है जबकि ब्रिज फ्रेम के फॉर्म में डाटा को ट्रांसफर करता है.
# राऊटर IP एड्रेस को समझता है और ब्रिज मैक एड्रेस को.
# राऊटर एक से अधिक ब्रॉडकास्ट डोमेन है और ब्रिज सिंगल ब्रॉडकास्ट डोमेन है.
# राऊटर अलग अलग प्रोटोकॉल पे काम करता है जबकि ब्रिज प्रोटोकॉल पे काम नहीं करता है.
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