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मैन्युअल और ऑटोमैटिक कार में क्या अंतर है !!

Difference between Manual and Automatic car in Hindi | मैन्युअल और ऑटोमैटिक कार में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “Manual and Automatic car” अर्थात “मैन्युअल और स्वचालित कार” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “मैन्युअल और स्वचालित कार क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. जितनी भी मैन्युअल कार होती हैं उनमे खुद ड्राइवर को गियर को नियंत्रित करना पड़ता है जबकि आटोमेटिक कार में गियर खुद व खुद नियंत्रित होते रहते हैं. बाकि इनके विषय में विस्तार में हम नीचे जानेगे. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

मैन्युअल कार क्या है | What is a Manual Car in Hindi !!

मैन्युअल कार क्या है | What is a Manual Car in Hindi !!

किसी भी मैन्युअल कार में पूरी कार का नियंत्रण एक ड्राइवर के हाथ में होता है. इसमें ड्राइवर को कुछ चीजों पर अच्छी पकड़ बनाये रखने की आवश्यकता होती है. जैसे

  • इसमें ड्राइवर को खुद गियर बदलने होते हैं.
  • ड्राइवर को आरपीएम को रेंज के अनुसार नियंत्रित रखना पड़ता है.
  • सभी ट्रैफिक रूल्स के विषय में एक ड्राइवर को जानकारी होना आवश्यक है.
  • इन कार में ड्राइवर को सभी मोड़ के विषय में जानकारी होना आवश्यक है कि कौन से मोड़ को किस प्रकार संभालना है.
  • ड्राइवर को क्लच, गियर और थ्रोटल को परस्पर संभालना और चलाना आना चाहिए.
  • एक ड्राइवर को मैन्युअल कार में कार को पूर्ण रूप से नियंत्रित करना आना चाहिए.
  • माइलेज की जानकारी खुद ड्राइवर को रखनी पड़ती है और अपने पॉकेट के अनुसार खुद निर्णय लेते हुए कार को चलाना पड़ता है.
  • मैन्युअल कार में गियर फ्लोर पर होते हैं.
  • मैन्युअल कार में ड्राइवर को दोनों हाथ और दोनों पैरों का पूरा उपयोग करना पड़ता है.
  • मैन्युअल कार में ड्राइवर की हार्ट बीट बढ़ जाती हैं और स्ट्रेस भी लेता है.
  • एक्सीडेंट के भी बहुत चांस होते हैं.

स्वचालित कार क्या है | What is Automated Car in Hindi !!

स्वचालित कार क्या है | What is Automated Car in Hindi !!

  • ऑटोमेटिक कार में गियर खुद व खुद नियंत्रित हो जाते हैं.
  • ऑटोमैटिक कार में ड्राइवर को बहुत कम काम करना पड़ता है.
  • ऑटोमैटिक कार में कार को ड्राइव पर कर के उसका आरपीएम रेंज में सेट करना होता है.
  • इसे सीखना काफी सरल होता है.
  • ऑटोमैटिक कार का चलन उत्तरी अमेरिका में आमतौर पर होता है.
  • इसे आराम से रोका जा सकता है और नियंत्रित किया जा सकता है ट्रैफिक के अनुसार.
  • ऑटोमैटिक कार में कम कंसनट्रेशन और स्ट्रेस की जरूरत होती है.
  • इसमें कम सोचने की जरूरत होती है ड्राइवर को कि किस प्रकार कार को चलाना है.
  • इसकी रिपेयरिंग कास्ट ज्यादा होती है.
  • मैकेनिक के लिए इसे रिपेयर करना थोड़ा कठिन होता है.
  • आटोमेटिक कार में गियर स्टीयरिंग के पास होते हैं.
  • इसमें बायां पैर फ्री रहता है और उसकी जरूरत नहीं पड़ती है.
  • ऑटोमैटिक कार में स्ट्रेस कम लेना पड़ता है.
  • इसमें कार फ़ोन का प्रयोग ड्राइविंग के समय कर सकते हैं और एक्सीडेंट जैसी समस्या से भी ये कार काफी हद तक बचाती हैं.

धन्यवाद !!

Ankita Shukla

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