नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “लोकसभा और राज्यसभा” के विषय में बताने जा रहे हैं. जैसा कि हम सब जानते हैं कि एक देश में एक ही संसद होती है, जिसके दो सदन होते हैं. जिसमे एक सदन लोकसभा और दूसरा सदन राज्यसभा होता है. आज हम आपको इन्ही के विषय में थोड़ी सी जानकारी देने का प्रयास करेंगे. आज हम आपको बताएंगे कि “लोकसभा और राज्यसभा क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.
सूची
लोकसभा क्या है | What is the Lok Sabha in Hindi !!
संसद को अंग्रेजी में पार्लियामेंट कहा जाता है. जिसके दो सदन होते है. जिसमे एक सदन लोकसभा है और दूसरा सदन राज्यसभा है. लोकसभा भारतीय संसद का निचला सदन है और ऊपरी सदन राज्यसभा है. लोकसभा सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पे सभी लोगों द्वारा चुनाव के आधार पे चुने गए लोगों से गठित है.
भारतीय संविधान के बनाये गए नियमों के अनुसार सदन में सदस्यों की संख्या 552 ही हो सकती है. जिसमे 530 सदस्य अलग अलग राज्यों के और 20 सदस्य तक केन्द्र शासित प्रदेशों का नेतृत्व करते हैं. यदि किसी कारणवश सदन में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं हो पाते हैं, तो देश का राष्ट्रपति इस स्थिति में आंग्ल-भारतीय] समुदाय के 2 प्रतिनिधियों को सदन में बिठा सकता है.
राज्यसभा क्या है | What is the Rajya Sabha in Hindi !!
संसद का ऊपरी सदन राज्यसभा है. राज्यसभा में 245 सदस्य होते हैं. जिसमे 12 सदस्य भारत के राष्ट्रपति के द्वारा नामांकित किये जाते हैं. जो सदस्य राष्ट्रपति द्वारा चुने जाते हैं, उन्हें ‘नामित सदस्य’ कहा जाता है. और बाकि सदस्य चुनाव द्वारा चुने जाते है. राज्यसभा में सदस्य 6 साल के लिए कार्यरत किये जाते हैं, इसमें से एक-तिहाई सदस्य हर 2 साल में सेवा-निवृत होते है.
Difference Between Lok Sabha and Rajya Sabha in Hindi | लोकसभा और राज्यसभा में क्या अंतर है !!
# लोकसभा का कर्यकाल 5 वर्ष है और यदि राष्ट्रपति चाहे तो प्रधानमंत्री की सलाह ले के इसे जल्दी भी भंग कर सकता है. जबकि राज्यसभा एक स्थाई सदन होता है, जो 6 साल का है लेकिन हर दो साल में ⅓ सदस्य अवकाश ग्रहण कर लेते हैं एवं उतने ही नवनिर्वाचित किये जाते है.
# धन विधेयक मात्र लोकसभा में ही दोबारा स्थापित हो सकता है जबकि राज्यसभा में नहीं.
# लोकसभा के सदस्यों का चुनाव जनता द्वारा सार्वजनिक और गुप्त मतदान के जरिये होता है, जबकि राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव राज्यों की विधानसभाओं में आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पे होता है.
# लोकसभा किसी राज्य सूची के किसी विषय को राष्ट्रीय महत्व घोषित करने में असमर्थ है जबकि राज्यसभा समर्थ है.
# राज्यसभा में पारित प्रस्ताव का अनुमोदन लोकसभा करती है और राज्यसभा में उपराष्ट्रपति को हटाने संबंधी प्रस्ताव उठाये जा सकते है.
# लोकसभा को कोई विशेष अधिकार की जरूरत नहीं होती है क्यूंकि राज्यसभा कभी विघटित नहीं होती है, जबकि लोकसभा के भंग होते समय आपातकाल की उद्घोषणा का अनुमोदन राज्यसभा में ही होता है.
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