मुद्रास्फीति की परिभाषा | Definition of Inflation in Hindi !!
मुद्रास्फीति या Inflation उसे कहते है जब किसी अर्थव्यवस्था के सामान्य कीमत स्तर पर लगातार बढ़ोत्तरी होती है और मुद्रा का मूल्य लगातार कम होता है। यह गणितीय आकलन पर आधारित एक अर्थशास्त्रीय अवधारणा के ऊपर आधारित है जिसके जरिये ही बाजार में मुद्रा का प्रसार और वस्तुओ की कीमतों की वृद्धि या गिरावट की गणना का पता किया जाता है। उदाहरण के लिए 2000 में सामान जो एक सौ रुपए में आ जाता था और वही सामान अगर 2010 में दो सौ रुपए का मिलता है तो इस स्थिति में माना जाता है कि मुद्रा स्फीति शत-प्रतिशत बढ़ी है।
अगर मान लीजिये कि अर्थव्यवस्था में कीमत कुछ समय के लिए बढ़ती है और फिर उसमे कमी आ जाती है और फिर दुबारा बढ़ जाती है तो हम स्थित में मुद्रास्फीति नहीं होगी।
मुद्रास्फीति में सामान्य कीमत स्तर लगातार बढ़ना चाहिए। एक निश्चित आय वर्ग वाले लोगों पर मुद्रास्फीति का प्रभाव सदैव बुरा ही पड़ता है क्योंकि उनकी आय निश्चित रहती है और कीमतें बढ़ती है तो उनकी क्रय शक्ति में कमी हो जाती है इस प्रकार एक विकासशील अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति का प्रभाव बुरा ही पड़ता है।