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Difference between Hub, Switch and Router in Hindi | हब, स्विच और राऊटर में क्या अंतर है !!
नमस्कार दोस्तों….आज हम आपको “हब और स्विच” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे “Difference between Hub and Switch” अर्थात “हब और स्विच में क्या अंतर है?”. साथ ही हम ये भी बताएंगे कि दोनों आखिर होते क्या है?. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.
हब क्या है | What is Hub in Hindi !!
Hub एक प्रकार का नेटवर्किंग डिवाइस है, जो आने वाली सारी जानकारी को नेटवर्क के जरिये आगे भेजता है. इसमें हब के पास कोई भी जानकारी आती है तो वो आगे उससे connect सभी device को वो जानकारी भेज देता है. इस केस में Hub को ये पता नहीं रहता कि कौन सी जानकारी किस डिवाइस के लिए है. Hub में ऐसा कोई भी mechanism या method नहीं होता, जिसके जरिये Hub पता कर पाए कि आयी हुई जानकारी नेटवर्क मे किस डिवाइस के लिए है.
क्यूंकि Hub को नहीं पता होता है कि कौन सी जानकारी किस डिवाइस के लिए है, इसलिए वो सभी प्रकार की जानकारी के पैकेट नेटवर्क मे ब्रॉडकास्ट कर देता है. जिसके पास डिवाइस को जब वो पैकेट्स मिलते हैं, तो वो चेक करते हैं, कि जानकारी उनके लिए ही है या नहीं। यदि जानकारी डिवाइस के अनुकूल अर्थात उसके लिए नहीं होती है तो वो उन पैकेट्स को हब के पास दोबारा भेज देते हैं.
इस कारण ये hub का नेटवर्क ट्रैफिक सदैव ज्यादा होता है एवं इसलिए ही Hub का दूसरा नाम नॉन-इंटेलिजेंट डिवाइस रखा गया है | Hub का प्रयोग छोटे नेटवर्क के लिए सही रहता है, क्यूंकि उसका नेटवर्क ट्रैफिक बहुत ज्यादा क्रिटिकल नहीं होता है. Hub में half duplex transmission mode का प्रयोग होता है.
स्विच क्या है | What is Switch in Hindi !!
Switch भी एक नेटवर्क डिवाइस है, जिसे इंटेलिजेंट डिवाइस के नाम से भी जाना जाता है. Switch का प्रयोग छोटे और बड़े दोनों तरह के नेटवर्क में होता है. Switch की खासियत ये है कि जब इसके पास किसी डिवाइस से कोई जानकारी आती है, तो वो उसे सीधे ब्रॉडकास्ट नहीं करता, क्यूंकि इसके पास अपना एक डाटा स्टोर करने का स्पेस मौजूद होता है, जहाँ वो ये सुनिश्चित करता है, कि आने वाले जानकारी के पैकेट कौन सी डिवाइस के लिए है.
Switch में सभी नेटवर्क डिवाइस के फिजिकल एड्रेस मौजूद होते हैं, जहाँ से वो ये पता करने में सक्षम होता है कि पैकेट को किस डिवाइस को भेजने हैं. और फिर वो उन जानकारी के पैकेट को उस पर्टिकुलर डिवाइस में भेज देते हैं, जिसके लिए वो जानकारी के पैकेट होते हैं और वो भी सभी नेटवर्क डिवाइस को ब्रॉडकास्ट किये बिना.
क्यूंकि इसमें सभी को बिना किसी दिक्क्त के और बिना ब्रॉडकास्ट किये सही पैकेट को सही डिवाइस मिल जाती है और डिवाइस उन पैकेट को दोबारा वापस भी नहीं भेजती क्यूंकि वो पैकेट उसी डिवाइस के लिए हैं. इसलिए इस नेटवर्क में पैकेट ट्रांसफर की स्पीड भी फ़ास्ट होती है और ट्रैफिक भी बहुत अधिक नहीं होता। इसमे half /Full duplex transmission mode का प्रयोग होता है.
राउटर क्या है | What is Router in Hindi !!
राऊटर एक इंटर नेटवर्किंग डिवाइस होता है जिसमे कम से कम दो नेटवर्क आपस में जुड़े होते है. इसमें एक सॉफ्टवेयर का प्रयोग होता है जिसके प्रयोग से एक नेटवर्क से डाटा दूसरे नेटवर्क या डिवाइस में ट्रांसफर होता है. ये एक प्रकार की नेटवर्किंग डिवाइस के रूप में भी जानी जाती है, जो अलग अलग प्रोटोकॉल के अनुसार काम करती है. राउटर मैक एड्रेस का प्रयोग न कर के IP एड्रेस के अनुसार कार्य करती है जिसमे मैक एड्रेस से डाटा को आगे भेजा जाता है इसलिए ये कई प्रोटोकॉल पे काम करता है.
राउटर कोलिजन डोमेन और ब्रॉडकास्ट डोमेन दोनों को संभालता है. ये OSI मॉडल की तीसरी लेयर मानी जाती है. इस प्रक्रिया में जब भी किसी डाटा पैकेट को किसी भी डिवाइस या नेटवर्क पर भेजना होता है तो उसे सीधे न भेज के यहां पे राऊटर का प्रयोग होता है जिसके जरिये डाटा पैकेट को अन्य नेटवर्क पे आसानी से भेजा जा सकता है.
राऊटर, नेटवर्क को IP एड्रेस के अनुसार ही भेजता है क्यूंकि इसमें राऊटर डाटा को IP address के आधार पे फ़िल्टर करता है.
Difference between Hub and Switch in Hindi | हब और स्विच में क्या अंतर है !!
# हब OSI की physical layer पर काम करता है, जबकि एक स्विच OSI की datalink layer पर काम करता है।
# Hub दो पोर्ट के बीच bandwidth शेयर करता है जबकि दूसरी तरफ Switch में dedicated bandwidth दोनों पोर्ट को प्रदान की जाती है.
# डिवाइस से कनेक्ट होने वाले पोर्ट की संख्या Switch में बहुत अधिक होती है जबकि Hub में कम होती है।
# Hub में half-duplex transmission mode का प्रयोग होता है जबकि Switch में full-duplex transmission mode का प्रयोग होता है.
# Switch स्विचिंग लूप की समस्या को दूर करने के लिए Spanning Tree Protocol का उपयोग करता है, जबकि Hub स्विचिंग लूप से बचने में असमर्थ है।
# Switch को इंटेलिजेंट डिवाइस के नाम से भी जाना जाता है जबकि Hub को नॉन-इंटेलिजेंट डिवाइस के नाम से भी जाना जाता है.
# Hub में एक single collision domain हो सकता है जबकि Switch में अलग अलग ports में अलग-अलग collision domain होते है।
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