नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “Globe and Map” अर्थात “ग्लोब और मानचित्र” के विषय में बताने जा रहे हैं. aj हम बताएंगे कि “ग्लोब और मानचित्र क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”.
जैसा कि हम जानते हैं कि पृथ्वी का आकार पूरी तरह से गोलाकार न होते हुए, यह केंद्र में उत्तर और दक्षिण दोनों ध्रुवों पर एक समान चपटा रहता है। पृथ्वी पर रहना वाला प्रत्येक व्यक्ति यह जानना चाहता है कि ब्रह्मांड में हमारी पृथ्वी आखिर दिखती कैसी है, लेकिन जैसा की हम जानते है, कि अंतरिक्ष की यात्रा सभी लोग नहीं कर सकते हैं, इसलिए पृथ्वी को लाइव देख पाने के लिए एक ग्लोब का निर्माण किया गया है. जिसके साथ पृथ्वी की उपस्थिति का एक विचार हो सकता है। ग्लोब पृथ्वी का एक लघु रूप है, जो दूरियों, दिशाओं, महाद्वीपों, महासागरों, देशों आदि का दर्शाता है।
लेकिन जब बात किसी स्थान को परखने की आती है, तो ग्लोब उतना सटीक नहीं माना जाता है. इसलिए किसी स्थान की जानकारी सटीकता के साथ जानने के लिए मानचित्र का प्रयोग किया जाता है. यह पृथ्वी की सतह या उसके एक हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है।
तो दोस्तों आज का जो ब्लॉग है वो ग्लोब और मानचित्र के बीच के अंतर को बताने के लिए ही लाया गया है. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.
सूची
ग्लोब क्या है | What is Globe in Hindi !!
एक ग्लोब को एक गोलाकार आकार में बनाया जाता है, जो पृथ्वी का एक लघु रूप या कोई अन्य स्वर्गीय ग्रह जैसे चंद्रमा या अन्य ग्रह जैसे दिखने वाला होता है। यह दूरियों, दिशाओं, क्षेत्रों आदि का चित्रण करके पूरी दुनिया का त्रि-आयामी दृष्टिकोण प्रदान करने के लिए निर्मित किया गया है। यह महाद्वीपों, महासागरों और देशों को उनके सटीक आकार में दर्शाता है।
मानचित्र क्या है | What is Map in Hindi !!
मानचित्र जिसे मैप भी कहा जाता है, इसमें पृथ्वी के एक पूरे क्षेत्र या उसके एक हिस्से के आरेख का चित्रण किया जाता है, जो scale के आधार पर समतल सतह पर खींचा जाता है। ये बात बिलकुल सही है, कि गोलाकार आकार को बिल्कुल समतल कर पाना संभव नहीं होता है, लेकिन इसमें कोशिश पूरी की जाती है और ये अच्छा काम भी करता है।
मानचित्र का उपयोग कागज की शीट पर किसी विशेष क्षेत्र की विशिष्ट और विस्तृत विशेषताओं को उजागर करने के लिए होता है, जिसके जरिये पुरे क्षेत्र की जानकारी को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। मानचित्रों के संग्रह को एटलस के रूप में जाना जाता है, जो विभिन्न आकारों और मापों में उपलब्ध हैं। ये विभिन्न प्रकार के नक्शे के रूप में होते हैं:
भौतिक मानचित्र: भौतिक मानचित्र वो मानचित्र होते हैं, जो पृथ्वी की प्राकृतिक विशेषताओं को दर्शाता है जैसे पर्वत, पठार, महासागर, नदियाँ, आदि।
राजनीतिक मानचित्र: राजनीतिक मानचित्र वो मानचित्र के रूप में जाने जाते हैं, जिसमें देशों, राज्यों, कस्बों और शहरों का प्रतिनिधित्व उनकी राजनीतिक सीमाओं के साथ किया जाता है.
विषयगत मानचित्र: विषयगत मानचित्र होते हैं, जो सड़क, वर्षा, उद्योगों के वितरण आदि जैसी विशिष्ट सूचनाओं को दर्शाते है.
Difference between Globe and Map in Hindi | ग्लोब और मानचित्र में क्या अंतर है !!
# ग्लोब त्रिविमीय प्रदर्शन होता है जबकि मानचित्र किसी प्रदेश का द्विविमीय प्रदर्शन है.
# मानचित्र किसी प्रदेश की भौतिक विशेषताओं का प्रदर्शन करता है जबकि ग्लोब बिलकुल पृथ्वी का डुप्लीकेट होता है.
# मानचित्र के द्वारा आप आसानी से किसी भी प्रदेश की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं जबकि ग्लोब से ये चीज थोड़ा मुश्किल हो जाता है.
# मानचित्र से मिली जानकारी की अपेक्षा ग्लोब से मिली जानकारी ज्यादा सटीक होती है.
# मानचित्र में ज्यादा डिटेल होती है जैसे: सीमायें, रेलमार्ग, जलवायु, दिशाएं, अक्षांश, देशान्तर, आदि जबकि ये सब चीजें ग्लोब में नहीं होती हैं.
# मानचित्र कई प्रकार के होते हैं, जिन्हे हमने ऊपर बताया है जबकि ग्लोब में कई प्रकार नहीं होते हैं.
# ग्लोब अक्षांश और देशांतर को वृत्त या अर्ध-मंडल के रूप में दर्शाया गया है। इसलिए, महाद्वीपों के आकार में कोई गलत व्याख्या नहीं है। जबकि मानचित्र में अक्षांश और देशांतर को सीधी रेखाओं के रूप में दर्शाया जाता है, और इसलिए महाद्वीप का आकार विकृत हो जाता है।
हमें आशा है कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे अगर आपको और अन्य किसी प्रकार की जानकारी चाहिए तो आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं | इन सब के अलावा अगर आलेख में कोई आप गलती पाते हैं तो वो भी कमेंट बॉक्स में में जरूर बताएं ताकि हम आगे आने वाले आलेख में सुधार कर पाए और आपको एक बेहतर सूचना से अवगत करा सके. धन्यवाद !!!