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Difference between Durg and Kila in Hindi | दुर्ग और किला में क्या अंतर है !!
नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “दुर्ग और किला” के विषय में बताने जा रहे हैं. दुर्ग और किला दोनों ही पुराने समय में शत्रुओं और युद्ध में नुकसान से बचने के लिए बनाये जाते थे. लेकिन असल में लोगों के मन में जो सवाल उत्तपन्न होता है, वो ये है कि आखिर इन दोनों में अंतर क्या है. वैसे तो कुछ लोग इन्हे समान समझ लेते हैं लेकिन इनमे कुछ अंतर होते हैं. जो दोनों को एक दूसरे से अलग बनाते हैं. जिनके विषय में आज हम आपको बताने जा रहे हैं. आज हम आपको बताएंगे कि “दुर्ग और किला क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.
किला क्या है | What is the Kila in Hindi !!
पुराने के समय में शत्रु से सुरक्षा के लिए बनाए जानेवाले वास्तु का नाम किला होता था. इन्हे ‘गढ़’ और ‘कोट’ के नाम से भी जाना जाता था. किला वो रचना होती थी, जिसे पत्थरों द्वारा चौड़ी चौड़ी दीवारों द्वारा बनाया जाता था. इसके अंदर राजा, सरदार और सेना के सिपाही आदि सुरक्षित रहते थे. इनमे कुछ गुप्त रास्ते और स्थान भी बनाये जाते थे. जिनके जरिये आपातकालीन समय में गुप्त तरीके से इनका प्रयोग किया जा सके और सुरक्षित बाहर निकला जा सके. लेकिन आधुनिक युग में युद्ध के साधनों और रण-कौशल में वृद्धि तथा परिवर्तन होने के कारण लोग अब किलों का निर्माण नहीं करवाते हैं.
दुर्ग क्या है | What is the Durg in Hindi !!
दुर्ग को दरोग़, दरगा और दुर्गा भी कहा जाता है. ये और कुछ ही बल्कि किला ही होता है. लेकिन यदि इनमे कुछ अंतर पाया जाता है तो वो ये है कि जब भी किला बनाया जाता था, तो उनकी बाहरी दीवारे पत्थरों की होती थी और वो इतनी चौड़ी और मजबूत बनाई जाती थी, कि शत्रुओं के कई तोपों के निशानों द्वारा भी उन्हें तोड़ा जाना असम्भव हो जाता था. इसलिए पुराने समय में युद्ध के दौरान दुर्ग शब्द का अर्थ किले की बाहरी मजबूती को माना जाता था.
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