कुछ समय हम अपने बच्चों को ये न समझ पाते कि कैसे उन्हें पढ़ाई करनी चाहिए और कभी कभी हम खुद भी नई समझ पाते कि बच्चों को कैसे पढने देना चाहिए. इसलिए कुछ ऐसी फिल्मे बनाई गई हैं जिन्हे देख क पेरेंट्स व बच्चे दोनों ही समझ सकते हैं कि उनके बच्चों और बच्चे ये कि उन्हें कैसे पढ़ाई करनी चाहिए.
- निल बट्टे सन्नाटा (2015): जिस समय दबंग फिल्म आयी थी तो सभी काफी वयस्त थे की उन्हें कैसे सलमान खान की फिल्म की टिकट मिले लेकिन उसी समय एक दूसरे परदे पे एक ऐसी फिल्म दिखाई जा रही थी जो हमें एक ऐसा पाठ पढ़ा रही थी की हम सब अपनी जिंदगी में उससे कुछ कर सकते हैं. इस फिल्म में एक माँ अपनी बेटी को उसके पढाई में पूरा सहयोग करते दिखाई गयीं जहां और यह भी दिखाया गया इस फिल्म के जरिये कि हर इंसान को सपने देखने का और उन्हें पूरा करने का हक़ होता है.
- गुड विल हंटिंग (1 997): ये फिल्म एक स्टूडेंट पे आधारित है इस फिल्म में एक ऐसे स्टूडेंट की कहानी दिखाई गयी है जो एक बहुत बड़े कॉलेज का स्टूडेंट है और काफी होशयार है. ये स्टूडेंट मेसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी का एक ऐसा स्टूडेंट है जो बहुत टैलेंटेड है और मैथ व चेमस्ट्री साइंस में काफी होशियार है. ये फिल्म आपको जरूर देखनी चाहिए और इससे ये देखने को मिलता है कि कभी भी खुद को किसी से कम मत समझो.
- आई एम कलाम (2010): इस फिल्म में ये दिखाया कि एक छोटा सा प्यारा सा बच्चा जो की काफी गरीब है वो कैसे सारे बड़े छोटे दिक्क्तों का सामना करते हुए आगे बढ़ता है बिलकुल अब्दुल कलाम की तरह और इसमें गरीब और अमीर की दोस्ती भी दिखाई गई है. इस फिल्म को देखने से ये समझ आता है की हम सबके जीवन में एक रोल मॉडल होना चाहिए जिससे प्रभाबित होक हम कुछ कर सकें.
- 3 इडियट्स (2009): ये एक काफी दिलचस्प फिल्म है.ये पूरी फिल्म इंजीनियरिंग पे आधारित है की कैसे हम इसे एक रोबोट की तरह बन के पढ़ते हैं जबकि हम इसे पूरी लगन के साथ मजेलेके पढ़ना चाहिए. इस फिल्म का नाम 3 इडियट्स इसलिए रखा गया क्यंकि इसमें 3 स्टूडेंट होते हैं जो पूरे कॉलेज के रूल्स को तोड़ते हुए आगे बढ़ते हैं.
- द सोशल नेटवर्क (2010): ये फिल्म मार्क ज़ुकेरबर्ग जो की सीईओ हैं फेसबुक के उनपे आधारित है और इस फिल्म में दिखायग्य है की कैसे एक बच्चे ने हावर्ड यूनिवर्सिटी छोड़ के सोशल मीडिया को पकड़ के अपने माता पिता का नाम रोशन किया. और यह भी दिखाया गया कि कैसे 2 भाई आकर इसके ऑर्गनिज़शन को अपना आईडिया बोलने लगे और कैसे इसने इस कठिन परिस्तिथि को सम्हाला.
- द ब्रेकफास्ट क्लब (1985): इस फिल्म में 5 अलग अलग तरह के स्टूडेंट की कहनानी दिखाई गई है. और इस फिल्म में ये दिखाया गया कि जिनसे हम कभी मिले भी न होते उनके साथ हम पूरी जिंदगी साथ में निकाल देते है हस्ते हस्ते. ये फिल्म हमें इसलिए देखनी चाहिए क्यंकि हमे इससे ये सिखने को मिलता है कि स्टूडेंट बनना एक छोटी बात नहीं होती और उसके बाद अनजाने व्यक्ति से दोस्ती करके पूरी जिंदगी साथ निभाना भी एक महान काम है. लेकिन स्टूडेंट ये करके दिखाते हैं.
- फ्रीडम राइटर्स: ये फिल्म उस समय के लिए बनाई गई है जिस समय स्टूडेंट पे सबसे ज्यादा प्रेशर होता है हमारे कहने का मतलब है हाई स्कूल और बोर्ड एग्जाम. इस फिल्म में दिखाते हैं की कैसे हम ऐसे समय में धीरज के साथ पढ़ाई करें और अपनी जिंदगी को संतुलित करते हुए आगे बढ़ें.
- स्टैंड एंड डिलीवर: इस फिल्म में दिखाया गया है कि कुछ स्टूडेंट जो ज्यादा अच्छे नहीं होते हैं पढ़ने में उनसे कैसे डील करके उन्हें पढ़ाएं और एक अच्छा व कामियाब इंसान बनाया जाये. यह एक काफी अच्छी फिल्म है जो की हर स्टूडेंट को देखनी चाहिए.