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Job और Service में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “जॉब और service” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “जॉब और सर्विस क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. दोस्तों कई लोग अक्सर बोलते हैं कि वो वहां सर्विस कर रहा है, जिसमे उनका तात्पर्य जॉब से होता है. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि ये सही शब्द है जॉब के स्थान पे प्रयोग करने के लिए. दोस्तों दोनों में कुछ अंतर होते है लेकिन दोनों कहीं न कहीं एक दूसरे से जुड़े भी होते हैं. इन्ही सब के विषय में आज हम आपको बताएंगे। तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

जॉब क्या है | What is job in Hindi !!

जॉब क्या है | What is Job in Hindi !!

जॉब को नौकरी भी कहा जाता है. जॉब का अर्थ होता है किसी एक निश्चित कंपनी या स्थान पे अपने कमाई के लिए रोजाना काम करना और पैसे कमाना। ये व्यक्ति अपनी कमाई के लिए करता है. इसमें व्यक्ति को एक पोस्ट दी जाती है. जिसके अनुसार उसे वहां काम करना होता है. इसमें वोनस, सैलरी, आदि शामिल होता है.

सर्विस क्या है | What is Service in Hindi !!

सर्विस क्या है | What is Service in Hindi !!

सर्विस का यदि सही अर्थ बताया जाये, तो किसी चीज या सेवा को सर्व करना सर्विस कहलाता है. ये व्यक्ति दूसरों के लिए करता है. उदाहरण के लिए: सिविल सर्विस हांलाकि सिविल सर्विस भी एक जॉब है लेकिन इसे सिविल सर्विस इसलिए कहा जाता है क्यूंकि इसमें अधिकारी जनता को सेवा सर्व करता है. अब यदि दूसरा उदाहरण लिया जाये तो: फ़ूड सर्विस, इसमें व्यक्ति आपको आपका खाना सर्व करता है. ऐसे ही जो भी चीज या सेवा सर्व होती है, वो सारी सर्विस कहलाती हैं. ये तो कुछ उदाहरण के जरिये हम आपको दोनों के बीच का अंतर समझाना चाहते थे. सर्विस भी जॉब के अंदर आता है, लेकिन हर जॉब सर्विस नहीं हो सकती.

Difference between Job and Service in Hindi | Job और service में क्या अंतर है !!

# जॉब स्वयं के लिए है, सर्विस ज्यादातर दूसरों के लिए है।

# जॉब में मजदूरी, बोनस आदि शामिल है, जबकि सर्विस में मौद्रिक अधिकार हो भी सकते हैं और नहीं भी।

# जॉब में कैरियर की प्रगति शामिल हैं, लेकिन सर्विस में नहीं। उदाहरण: कोई व्यक्ति किसी गरीब को भोजन परोस सकता है, जिसमे वह अपने जीवनकाल के लिए बिना किसी बदलाव और पद के लिए भी काम करता है.

# जॉब में किसी व्यक्ति की भूमिका संगठनात्मक लक्ष्यों और उद्देश्यों पर निर्धारित की जाती है, जबकि सर्विस में संगठनात्मक लक्ष्यों से का कोई मतलब नहीं होता है।

# जॉब में अपने सीनियर या आर्गेनाइजेशन को जबाब देना होता है जबकि सर्विस में खुद को और सोसाइटी को जबाब देना होता है.

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Ankita Shukla

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