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DDL और DML में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “DDL और DML” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “DDL और DML क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. दोनों ही डेटाबेस का हिस्सा है, जिसके विषय में आज हम आपको बताने जा रहे हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

DDL क्या है | What is DDL in Hindi !!

DDL का पूरा नाम “Data Definition Language” होता है, जो डेटाबेस भाषा के निर्माण में एक मुख्य भूमिका निभाता है. इसका प्रयोग डेटाबेस स्कीमा और डेटाबेस संरचना को निर्दिष्ट करने हेतु होता है. इसके जरिये डेटाबेस स्कीमा और डेटाबेस संरचना दोनों को तो डिफाइन किया ही जाता है साथ ही डेटाबेस में डिफाइंड ऐट्रिब्यूट्स के डोमेन के रूप में डेटा के अतिरिक्त गुणों को भी डिफाइन करता है. DDL एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा होता है डेटाबेस भाषा का, क्यूंकि ये कुछ constraints को निर्दिष्ट करने की सुविधा भी देता है, जिसके जरिये data consistency मेन्टेन रह पाती है.

इनमे कुछ कमांड का प्रयोग भी किया जाता है, जो कुछ इसप्रकार हैं:

  • CREATE : इसका प्रयोग डेटाबेस की टेबल के निर्माण में होता है.
  • ALTER : इसका प्रयोग टेबल में कंटेंट को आल्टर करने के लिए होता है.
  • DROP : इसका प्रयोग डाटा को टेबल से डिलीट करने के लिए होता है.
  • TRUNCATE : इसका प्रयोग पूरा डाटा टेबल से डिलीट करने के लिए होता है.
  • RENAME : इसका प्रयोग कंटेंट को rename करने के लिए होता है.

DDL and DML in Hindi । DDL और DML में क्या अंतर है !!

DML क्या है | What is DML in Hindi !!

DML का पूरा नाम “Data Manipulation Language” है. जब एक टेबल का निर्माण DDL के जरिये हो जाता है, तो उस टेबल को भरने की जिम्मेदारी DML की होती है. DML का प्रयोग कर के इनफार्मेशन को टेबल में insert, modify, delete और टेबल से इनफार्मेशन retrieve की जाती है. टेबल की प्रत्येक row को tuple कहा जाता है.

DML के दो प्रकार होते हैं जिसमे पहला Procedural DMLs और दूसरा Declarative DMLs होता है. Procedural DMLs का प्रयोग कर के ये पता किया जाता है कि किस डाटा को टेबल से रिट्रीव करना है और किस प्रकार. वहीं दूसरी ओर Declarative DMLs के द्वारा किस डाटा को रिट्रीव करना है, ये केवल पता चलता है, लेकिन यूजर को Declarative DMLs अधिक सरल लगती है.

DML में प्रयोग होने वाली कमांड कुछ इस प्रकार हैं:

  • SELECT : इसके जरिये डाटा को रिट्रीव किया जाता है.
  • INSERT : इसके जरिये डाटा को टेबल में इन्सर्ट किया जाता है.
  • UPDATE : इसके जरिये डाटा को टेबल में रिफार्म किया जाता है अर्थात अपडेट किया जाता है.
  • DELETE : इसके जरिये डाटा को टेबल से डिलीट किया जाता है.

Difference between DDL and DML in Hindi । DDL और DML में क्या अंतर है !!

# DDL का पूरा नाम “Data Definition Language” और DML का पूरा नाम “Data Manipulation Language” होता है.

# DML को दो प्रकारों में बाटा गया है पहला Procedural और दूसरा Declarative DMLs जबकि DDL को विभाजित नहीं किया गया है.

# DDL में प्रयोग होने वाली कमांड CREATE, ALTER, DROP, TRUNCATE, COMMENT और RENAME, आदि होती है जबकि DML में प्रयोग होने वाली कमांड SELECT, INSERT, UPDATE, DELETE, MERGE, CALL, आदि.

# DDL का प्रयोग डेटाबेस स्कीमा और डेटाबेस संरचना को निर्दिष्ट करने हेतु होता है जबकि DML का प्रयोग कर के इनफार्मेशन को टेबल में insert, modify, delete और टेबल से इनफार्मेशन retrieve की जाती है.

तो दोस्तों आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी किसी लगी और आपके कितना काम आयी हमे अवश्य बताएं और यदि आपके मन में कोई सवाल या सुझाव भी हो तो हमे बताना न भूले क्यूंकि हमे अच्छा लगेगा कि आप हमसे सम्पर्क कर के हमे और बेहतर बनाने में मदद करते हैं तो.

Ankita Shukla

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